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बाराबंकी: घाघरा नदी में डूबते बेटे को बचाने कूदे पिता की मौत

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में घाघरा नदी में डूबते बेटे को बचाने कूदे पिता की मौत हो गई. ग्रामीणों का आरोप है कि पास में ही खड़ी पीएसी की मोटरबोट ने मदद नहीं की, जिस कारण बेटे को बचाने नदी में कूदे उसके पिता की मौत हो गई.

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प्रदर्शन करते ग्रामीण.

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Published : Aug 19, 2020, 12:07 AM IST

बाराबंकी: डूबते बेटे को बचाने नदी में कूदे पिता की मौत हो गई. ग्रामीणों का आरोप है कि थोड़ी दूर पर खड़ी पीएसी की मोटरबोट ने कोई मदद नहीं की, जिससे बेटे को बचाने कूदे उसके पिता की मौत हो गई. वहीं पीएसी के जवानों पर कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई घंटे प्रदर्शन किया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण डीएम को बुलाने पर अड़े रहे. मामला बढ़ता देख एसडीएम मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म किया.

इन दिनों घाघरा नदी में पानी बढ़ने के कारण जिले की तीन तहसील के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भर जाने से लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. रामनगर तहसील के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के बासुपुर मजरे बतनेरा गांव निवासी श्याम बिहारी यादव का 12 वर्षीय बेटा अंगद मंगलवार को अचानक तटबंध के किनारे भरे बाढ़ के पानी में डूबने लगा. यह देख बेटे को बचाने लिए उन्होंने नदी में छलांग लगा दी और पानी अधिक होने के कारण वह डूबने लगे.

कुछ दूरी पर बैठे ग्रामीण राम किशोर ने जब दोनों को डूबते देखा, तो मदद के लिए शोर मचाने लगे. उन्होंने दूसरी छोर पर खड़ी पीएसी की मोटरबोट बुलाने के लिए अपनी बेटी को भेजा. ग्रामीणों का आरोप है कि मोटरबोट में तेल न होने की बात कहकर पीएसी के जवानों ने आने से मना कर दिया. घटना की जानकारी होने पर आसपास के ग्रामीण एकत्र हो गए और दोनों को बचाने के लिए नदी में छलांग लग दी. काफी मशक्त के बाद ग्रामीणों ने अंगद को नदी से बाहर निकाल लिया लेकिन उसके पिता की खोज नहीं कर पाए.

ग्रामीणों के हंगामा करने के बाद पीएसी के जवान बोट लेकर पहुंचे और श्याम बिहारी का शव बाहर निकाला. ग्रामीण पीएसी के जवानों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे. सूचना पर मोहम्मदपुर खाला थाने की पुलिस और रामनगर तहसीलदार रामदेव निषाद मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करने लगे.

वहीं ग्रामीण पीएसी के जवानों पर कार्रवाई और डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे. मामला बढ़ता देख एसडीएम रामनगर जितेंद्र कटियार भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पीड़ित परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म किया.

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