बाराबंकी:लोधेश्वर महादेव मंदिर में हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक करने आते हैं. लोधेश्वर महादेव मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. कुछ श्रद्धालु करीब 110 किलोमीटर की यात्रा करके लोधेश्वर महादेव मंदिर पहुंचते हैं. कानपुर के बिठूर से गंगाजल लेकर कांवड़िए बाराबंकी के लोधेश्वर धाम में जल चढ़ाते हैं.
बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में 110 किलोमीटर की यात्रा करके आते हैं कांवड़िए - devotees gathered on the occasion of maha shivaratri
यूपी के बाराबंकी में महाशिवरात्रि के अवसर पर हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक करने लोधेश्वर महादेव मंदिर आते हैं. कानपुर के बिठूर से गंगाजल लेकर कांवड़िए बाराबंकी के लोधेश्वर धाम में जल चढ़ाते हैं.
जलाभिषेक का है विशेष महत्व
कानपुर के बिठूर से गंगाजल भरकर कांवड़िए पैदल यात्रा करके महादेव धाम तक पहुंचते हैं. इनकी इस यात्रा में इनका मानना है कि इन्हें कोई छू नहीं सकता और यह सीधा भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग स्वरूप पर जलाभिषेक करके ही किसी को छू सकते हैं. इस पूरी यात्रा के दौरान कांवड़ के साथ इनके पास इनकी रामप्यारी (विशेष प्रकार की छड़ी) होती है, जिससे यह अपना बचाव भी करते हैं ताकि उन्हें कोई छुए न पाए. महाशिवरात्रि के अलावा सप्तमी और एकादशी का दिन जलाभिषेक के लिए विशेष महत्व रखता है. यही वजह है कि भक्तों का तांता लगा रहता है.
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