बाराबंकी:हाथरस मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच कराने की मांग को लेकर गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने एक दिवसीय उपवास किया. उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में अपराधियों के अलावा यूपी प्रशासन भी गम्भीर सवालों के कटघरे में है. शासन की विफलता ही नहीं, बल्कि दलित लड़की के पार्थिव शरीर को रातोंरात जलाने के मामले में उसकी बर्बरता भी उजागर हुई है. राजनाथ शर्मा ने कहा कि हाथरस कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होनी चाहिए.
बाराबंकी जिले के प्रख्यात गांधीवादी नेता राजनाथ शर्मा ने हाथरस कांड के विरोध में एक दिन का उपवास रखा. शहर के गांधी भवन में उपवास पर बैठे शर्मा ने कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार, दुराचार और उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं. कोई ठोस कानून न होने की दशा में अपराधी सजा मुक्त हो जाते हैं. महिलाओं को न्याय नहीं मिलता, जिससे अपराधियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में कठोर कानून बनाने की जरूरत है. पीड़ित परिवार से किसी को न मिलने देना अलोकतांत्रिक है. इसके लिए सूबे के मुखिया को तत्काल हाथरस के जिलाधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए.
SC के रिटायर्ड जज की निगरानी में हो हाथरस कांड की जांच: राजनाथ शर्मा - hathras gangrape
हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत के विरोध में बाराबंकी के प्रख्यात गांधीवादी नेता राजनाथ शर्मा ने एक दिवसीय उपवास किया. इस दौरान उन्होंने सरकार व कानून व्यवस्था पर जमकर कटाक्ष किया.
हाथरस कांड के विरोध में एक दिवसीय उपवास पर बैठे गांधिवादी नेता.
आगे उन्होंने कहा कि एसआईटी और सीबीआई दोनों ही जांच एजेंसियां अपनी विश्वसनीयता खो चुकी हैं. आजादी के बाद से निरंतर जनप्रतिनिधियों से जनता का विश्वास घट रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को सर्वदलीय जांच कमेटी का भी गठन करना चाहिए. राजनाथ शर्मा ने मांग की कि हाथरस कांड की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच कराई जाए.