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पंजाब में लावारिस मिली एम्बुलेंस की बाराबंकी पुलिस की उपस्थिति में हो रही जांच

इस एम्बुलेंस पर जो नम्बर प्लेट थी, उस पर यूपी 41 एटी 7171 दर्ज था. ये नंबर बाराबंकी का था. लिहाजा बाराबंकी प्रशासन में हड़कंप मच गया. यहां के परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस के कागजात खंगाले गए तो हैरान कर देने वाले खुलासे हुए. ये एम्बुलेंस डॉ. अलका राय के नाम से पंजीकृत थी.

पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद
पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद

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Published : Apr 5, 2021, 5:22 PM IST

Updated : Apr 5, 2021, 9:58 PM IST

चर्चित एम्बुलेंस मामला

  • छानबीन के लिए मऊ गई पुलिस टीम की विवेचना में कई नाम आये प्रकाश में
  • मुख्तार अंसारी समेत कई नाम मुकदमे में बढ़ाये गए
  • मुकदमे में 120B,506,177 आईपीसी और 07 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धाराएं बढ़ीं
  • इसी मामले में मऊ जिले का एक आरोपी गिरफ्तार, पुलिस कप्तान ने दी जानकारी

बाराबंकी : मुख्तार अंसारी द्वारा प्रयोग की गई एम्बुलेंस के पंजाब में एक ढाबे के पास पाए जाने के बाद उस एम्बुलेंस की वेरिफिकेशन शुरू कर दी गई है. बाराबंकी से रोपड़ पहुंची पुलिस की एक टीम के सामने ही एम्बुलेंस की पड़ताल की जा रही है. अगर ये वही एम्बुलेंस होगी जिसका बाराबंकी में केस रजिस्टर है तो उसे रोपड़ पुलिस से बाराबंकी पुलिस कस्टडी में लेकर उसे बाराबंकी लाएगी.

पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद

मुख्तार अंसारी के कब्जे में थी एम्बुलेंस
बताते चलें कि बीते बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से मोहाली अदालत ले जाया गया था. जिस वाहन से मुख्तार को ले जाया गया वो निजी एम्बुलेंस थी. एम्बुलेंस की नंबर प्लेट ने भूचाल ला दिया. फिर जब पड़ताल शुरू हुई तो एक-एक कर जो परतें खुलीं, उससे सूबे में हड़कंप मच गया.

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बाराबंकी परिवहन विभाग में पंजीकृत है एम्बुलेंस
दरअसल, इस एम्बुलेंस पर जो नम्बर प्लेट थी, उस पर यूपी 41 एटी 7171 दर्ज था. ये नंबर बाराबंकी का था. लिहाजा बाराबंकी प्रशासन में हड़कंप मच गया. यहां के परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस के कागजात खंगाले गए तो हैरान कर देने वाले खुलासे हुए. ये एम्बुलेंस डॉ. अलका राय के नाम से पंजीकृत थी. इसका 21 दिसम्बर 2013 को बाराबंकी परिवहन विभाग में पंजीकरण कराया गया था. वाहन स्वामी का नाम डॉ. अलका राय निवासी 56, रफीनगर बाराबंकी दर्ज था. एम्बुलेंस का संचालन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के लिए होता था.

कूट रचना कर कराया गया पंजीकरण
मामला सुर्खियों में आया तो परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया. कागजात खंगाले गए तो अधिकारियों को पता चला कि बिना फिटनेस और बीमा के ये वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहा है. इसका फिटनेस 31 जनवरी 2017 को समाप्त हो चुका है. नोटिस देने के बाद भी वाहन स्वामी ने फिटनेस नही कराई. इस खुलासे के बाद शासन में हड़कंप मच गया. गहनता से जब पड़ताल शुरू हुई तो रजिस्ट्रेशन के समय जो इलेक्शन की आईडी लगाई गई थी वो संदिग्ध पाई गई. यही नहीं, जो पता दर्ज था वह भी फर्जी निकला. लिहाजा एआरटीओ प्रशासन पंकज कुमार ने वाहन स्वामी डॉ. अलका राय के खिलाफ कूट रचना कर वाहन पंजीकृत कराने के लिए नगर कोतवाली में क्राइम नंबर 369/21 पर 419, 420,467,468,471 आईपीसी की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया.

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नगर कोतवाली में दर्ज कराया गया मुकदमा
मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी डॉ. अलका राय से पूछताछ और पूरे मामले की पड़ताल के लिए तीन टीमें गठित की गईं हैं. इंस्पेक्टर कोतवाली के नेतृत्व में एक टीम डॉ. अलका राय से पूछताछ के लिए मऊ पहुंच चुकी है जबकि सीओ हैदरगढ़ नवीन कुमार के नेतृत्व में दूसरी टीम पंजाब पहुंच गई है. यही नहीं, इस पूरे प्रकरण की छानबीन और पड़ताल के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का भी गठन किया गया है.

मुख्तार के कई करीबियों से हुई पूछताछ
बाराबंकी में मुख्तार अंसारी के करीबी होने के संदेह के आधार पर पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की. अभी भी पुलिस के रडार पर तमाम लोग हैं जिनसे पूछताछ हो सकती है. यही नहीं, संभावना जताई जा रही है कि कोतवाली में डॉ. अलका रॉय के खिलाफ दर्ज किए गए जालसाजी के मुकदमे में अलका रॉय के बयानों के आधार पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी षडयंत्र का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.


मऊ जिले के एक आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने बताया कि बाराबंकी से सीओ हैदरगढ़ नवीन सिंह के नेतृत्व में एक टीम एम्बुलेंस की बाबत छानबीन करने और केस प्रॉपर्टी का होने के चलते उसे लाने पंजाब के रोपड़ गई थी. बताया की ढाबे के पास लावारिस हालत में मिली एम्बुलेंस की छानबीन की जा रही है. अगर ये वही एम्बुलेंस होगी जिसका केस बाराबंकी में दर्ज है तो वो केस प्रॉपर्टी होगी और उसे लाया जाएगा. वहीं, देर रात मिली सूचना के अनुसार इस मामले में मऊ जिले के एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है. उधर, पंजाब गई एक दूसरी टीम ने एम्बुलेंस को केस प्रॉपर्टी के रूप में हस्तगत करा लिया है. उसे बाराबंकी लाया जा रहा है.

SIT समेत गठित की गई थीं 03 टीमें

बताते चलें कि एम्बुलेंस प्रकरण की छानबीन के लिए पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने तीन टीमें बनाई थीं. नगर कोतवाली के एसआई महेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम मऊ भेजी गई थी जबकि एक दूसरी टीम सीओ हैदरगढ़ नवीन सिंह के नेतृत्व में पंजाब के रोपड़ गई थी. इसके अलावा एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी का भी गठन किया गया था.

मऊ गई टीम की विवेचना में कई नाम प्रकाश में आये

मऊ गई टीम द्वारा विवेचना के आधार पर श्याम संजीवनी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की डॉ. अलका रॉय, उनके सहयोगी डॉ शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी,मुजाहिद, राजनाथ यादव व अन्य के नाम इस आपराधिक षडयंत्र में कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने में प्रकाश में आया है. इन्होंने दबाव बनाकर प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कराया और आपराधिक षडयंत्र कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी करते हुए विधि विरुद्ध उपयोग हेतु उक्त वाहन को खरीदा. यही नहीं, उसका पंजीकरण कराकर गलत इस्तेमाल किए जाने के आपराधिक कृत्य एवं अवैध पंजीयन के बावजूद अपने कब्जे में रखकर एम्बुलेंस का संचालन किया.

प्रमुख तथ्य :

मुकदमे में नाम बढ़ाने के साथ धाराओं में की गई बढ़ोतरी -इस मामले में साक्ष्यों के क्रम में धारा 120 बी,506,177 आईपीसी और 07 क्रिमिनल ला एमेंडमेंट ऐक्ट की बढ़ोतरी की गई.

एक आरोपी गिरफ्तार -इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी राजनाथ यादव पुत्र फुलेश्वर यादव निवासी अहिरौली थाना सराय लखनसी जनपद मऊ को गिरफ्तार किया है. बाकी आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्यवाई की जा रही है.

बाराबंकी लाई जा रही एम्बुलेंस

वहीं, रोपड़-ऊना हाइवे पर एक ढाबे के पास एम्बुलेंस लावारिस हालत में खड़ी थी. इसे थाना सदर रोपड़ में दाखिल किया गया था. एम्बुलेंस की गहन जांच पड़ताल में ये वही एम्बुलेंस निकली जिसका प्रयोग मुख्तार अंसारी कर रहा था. लिहाजा इसे केस प्रॉपर्टी के रूप में रोपड़ पुलिस से बाराबंकी पुलिस ने हस्तगत किया है और उसे बाराबंकी लाया जा रहा है.

Last Updated : Apr 5, 2021, 9:58 PM IST

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