जानकारी देते हुए होमगार्ड जवान प्रेम सिंह बाराबंकी: आपने अमिताब बच्चन की लोकप्रिय फिल्म शराबी का डायलॉग तो जरूर सुना होगा 'मूंछें हो तो नत्थूलाल जैसी, वरना ना हो.' लेकिन क्या आपने नत्थुलाल जैसे मूंछें देखी है? अगर नहीं तो यूपी के जिले बाराबंकी में एक होमगार्ड जवान ऐसे है, जिनकी मूंछें हुबाहु नत्थुलाल जैसी है. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन मूंछों से होमगार्ड जवान हर महीने 1060 रुपये की कमाई करते हैं. आइए जानते हैं इकनी मूंछों की कहानी...
रौबदार मूंछ वाले इन साहब पर गौर फरमाइए. ये हैं नगर कोतवाली के मंझपुरवा के रहने वाले होमगार्ड जवान प्रेम सिंह, जो कि पिछले 42 वर्षों से इसी तरह अपनी मूंछों को सहेज कर रखे हुए हैं. महीने में दो बार वो इन मूंछो को नाई के यहां जाकर तरशवाते हैं. आधे घंटे की मेहनत के बाद इनका खास बारबर मूंछो को फिर से रौबदर बनाता है, जिसके एवज में वह इनसे 70 रुपये लेता है. लेकिन मूंछ रखने के शौक और जुनून के चलते ये 70 रुपये प्रेम के लिए कुछ भी नही.
प्रेम सिंह इस मूंछ को अपनी शान मानते है. इसके चलते इनको सम्मान मिलता है. इनके बाबा की ऐसी ही मूंछ थी, फिर पिताजी और इनके बड़े भाई भी ऐसी ही मूंछ रखते थे. बचपन से ही उनको देखा तो इनमें भी शौक जगा और फिर आरपीएसएफ में ट्रेनिंग के दौरान इंस्ट्रक्टर की मूंछों से ये इतना प्रभावित हुए कि साल 82 में इन्होंने ऐसी मूंछे रख लीं.
होमगार्ड जवान प्रेम सिंह की मूंछें होमगार्ड जवान प्रेम सिंह का कहना है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स से बीए पास किया था. वर्तमान में बाराबंकी पुलिस विभाग के जीडी कार्यालय में ड्यूटी करते हैं. वर्ष 1993 में होमगार्ड विभाग में नौकरी निकली.अच्छी पढ़ाई और बेहतरीन एथलीट होने के चलते आसानी से भर्ती कर लिया गया और तब से ये अपनी ड्यूटी बखूबी अंजाम दे रहे हैं. वर्ष 2018 में यूपी में जब भाजपा सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तब लखनऊ में होमगार्ड जवानों की मूंछों का कम्पटीशन हुआ. बाराबंकी से प्रेम सिंह उस प्रतियोगिता में शामिल हुए. पूरे सूबे से 186 जवानों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसमे प्रेम सिंह ने प्रथम स्थान हासिल किया. इनकी मूंछों से सीएम योगी इतना प्रभावित हुए कि इनको हर महीने 1060 रुपये मूंछ भत्ता मिलने लगा.
बता दें कि अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस विभाग में कड़क, घुमावदार और रौबदार मूंछे रखने का इतिहास बहुत पुराना है. देश-विदेश के कई नामीगिरामी शख्सियतों की मूंछे आज भी पहचान हैं. एक वक्त था जब अंग्रेजी सेना में तो हर सिपाही को मूंछे रखना अनिवार्य था. लेकिन धीरे-धीरे ये चलन कम होता गया. शान की प्रतीक रौबदार और अच्छे लुक वाली मूंछों को फोर्स और पुलिस विभाग में खास अहमियत दी जाती है. यही वजह है कि विभाग में ऐसी मूंछों की देखभाल के लिए जवानों को मूंछ भत्ता दिए जाने का 1977 मे प्रावधान बनाया गया.
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