बाराबंकी: अयोध्या जमीन विवाद फैसले से पहले जिले में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग फैसले पर साथ चलने को लेकर आगे आए हैं. अयोध्या मसले पर जल्द फैसला आने को लेकर दोनों समुदाय के लोगों ने जिले को अमन और शांति की दिशा में चलने का संकल्प लिया. दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों ने एक स्वर में कहा कि फैसला किसी भी पक्ष में आये मगर भाई चारा नहीं बिगड़ना चाहिए.
बाराबंकी में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने की अमन की पहल. भाजपा नेता सन्तोष सिंह ने इस मौके पर कहा -
बाराबंकी हमेशा से आपसी भाई चारे के लिए जाना जाता रहा है. परिस्थितियां कैसी भी रही हों मगर यहां के लोगों में आपसी प्रेम कभी नहीं बिगड़ा है. अयोध्या का जो फैसला आने वाला है वह अपने आप में ऐतिहासिक होगा. फैसला जिसके भी पक्ष में आये उसे अतिउत्साह नहीं दिखाना चाहिए. इस अतिउत्साह से ही सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है.
फैसले को शान्ति से स्वीकार करने की आवश्यकता है, जिससे दूसरा पक्ष भी हताश न हो. आपसी प्रेम और भाई चारा बना रहे यही हम सबकी जिम्मेदारी है. सभी अपने भाई है और हर धर्म की स्वीकार्यता भारतीयता का हमेशा से विशेषता रही है. इसीलिए फैसले पर शान्ति और प्रेम के साथ भाई चारा बना रहना चाहिए.
मौलाना अबूज़र ने जानकारी देते हुए कहा-
इस्लाम कभी भाई चारा टूटे यह नहीं सिखाता, बल्कि इस्लाम में तो यह बात तक कही गयी है कि अगर आपका पड़ोसी भूखा है तो आपका भरपेट खाना हराम है. पहले अपने पड़ोसी का पेट भरिये फिर अपने बारे में सोचिए. आपकी एक गलती से अगर आपके किसी पड़ोसी को चोट भी पहुंचती है तो यह कितना बड़ा पाप होगा .यह बात आसानी से समझा जा सकता है. इसीलिए फैसला कुछ भी आये, किसी के भी हक में आये उसे सर्वोच्च अदालती फैसला मानकर उसका एहतराम करना चाहिए.
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