बाराबंकी: जिले में बकरी चराने गई तीन चचेरी बहनें तालाब में डूब गयी. एक दूसरे को बचाने के लिए तालाब में उतरीं और डूब गई थी. शोरगुल पर जब तक ग्रामीण बचाने पहुंचते तब तक दो बच्चियों की गहरे तालाब में डूबकर मौत हो चुकी थी. तीसरी लड़की को किसी तरह ग्रामीणों ने बचा लिया है.
मसौली थाना क्षेत्र के नहामऊ गांव के रहने वाले तफज्जुल के परिवार की तीन बच्चियां बुधवार को गांव के बाहर बकरियां चराने गई थी. इसी दौरान गांव से थोड़ी दूर पर स्थित एक तालाब में बच्चियां हाथ-पैर धोने चली गई. बीते कई दिनों से हो रही छिटपुट बारिश के चलते तालाब के किनारे की चिकनी मिट्टी में फिसलन ज्यादा हो गई थी. जिसकी वजह से 8 वर्षीय सायमा पुत्री तजम्मुल जैसे ही तालाब की ओर आगे बढ़ी उसका पैर फिसल गया. वह तालाब में जा गिरी और डूबने लगी. उसको डूबते देख तफज्जुल की 12 वर्षीय पुत्री जासमीन उसको बचाने के लिए आगे बढ़ी तो वह भी तालाब में जा गिरी.
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अब दोनों बहनों को डूबता देख जब्बार की 10 वर्षीय बच्ची करीना बचाने के लिए आगे बढ़ी तो वह भी डूबने लगी. इन बच्चियों के साथ बकरियां चराने गए पैर से दिव्यांग एक बच्चे चंदबाबू ने जब तीनो लड़कियों को डूबते देखा तो वह तालाब तक जा पहुंचा. उसने करीना का हाथ पकड़कर किसी तरह खींच कर बहार निकाल लिया. तब तक जासमीन और सायमा गहरे तालाब में पहुंच गई. चांदबाबू के शोर मचाने पर पास में ही धान की रोपाई कर रहे ग्रामीण जब तक दौड़ कर आते तब तक दोनों बच्चियां गहरे तालाब में डूब चुकी थी.
ग्रामीणों ने किसी तरह दोनों बच्चियों को बाहर निकाला. तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी.इस हादसे से पूरे इलाके में कोहराम मचा है.तफज्जुल,तजम्मुल और जब्बार तीनो भाई है. मेहनत मजदूरी करके वह अपना गुजारा करते हैं. हादसे की सूचना पर पहुंचे तिलोकपुर चौकी इंचार्ज रंजीत सिंह समेत मसौली थाने की पुलिस और सीओ ने परिजनों से मिलकर उनको ढाढस बंधाया. चौकी इंचार्ज ने बताया कि दोनों बच्चियों के शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है.
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