बाराबंकी:चार पहिया और दोपहिया वाहनों के वीआईपी नंबरों की स्पेशल लिस्ट होती है, जिसकी हर साल बोली लगती है. विशेष नंबर प्राप्त करने के लिए कुल चार श्रेणियां निर्धारित हैं. इसके लिए सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और वीआईपी नंबरों की मांग के साथ अप्लाई करना होता है. इस प्रक्रिया में अगर उसी नंबर की मांग कोई और करता है तो इसकी बोली लगती है. इसमें जिसका पैसा ज्यादा होता है, उसे वह वीआईपी नंबर मिलता है. इस बार बाराबंकी में वीआईपी नंबरों को लेने वालों की संख्या बिल्कुल न के बराबर है. प्रथम श्रेणी के वीआईपी नंबर लेने के लिए मूल्य एक लाख रुपये रखा गया है. मूल्य ज्यादा रखे जाने से लोग वीआईपी नंबरों में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
वीआईपी नंबर लेना हुआ महंगा. वीआईपी नंबर लेने वालों की संख्या में कमी
जिले में वीआईपी नंबर लेने वाले लोगों की संख्या कमी आई है. इस बार मूल्य अधिक हो जाने के कारण लोगों ने इसे प्राप्त करने में रुचि नहीं दिखाई. जब हमने इस पूरी व्यवस्था के बारे में एआरटीओ पंकज सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि वीआईपी नंबरों की चार श्रेणियां बनाई गई हैं और प्रत्येक श्रेणी में 346 वीआईपी नंबर रखे गए हैं.
वीआईपी नंबरों की हैं चार श्रेणियां
- पहली श्रेणी में कार के लिए बेस प्राइस 1,00,000 रुपये और बाइक के लिए 20,000 रुपये रखा गया है.
- दूसरी श्रेणी में कार के लिए 50,000 रुपये और बाइक के लिए 10,000 रुपये रखा गया है.
- तीसरी श्रेणी में कार के लिए 25,000 रुपये और बाइक के लिए 5,000 रुपये रखा गया है.
- सबसे आखरी और चौथी श्रेणी में कार के लिए 15,000 रुपये एवं बाइक के लिए 3,000 रुपये रखा गया है.
क्या है वीआईपी नंबर लेने की प्रक्रिया
- इस प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चार दिन के लिए किया जाता है.
- जिसमें बेस प्राइस का आधा पैसा बीड प्रक्रिया में भाग लेने वाले और वीआईपी नंबर प्राप्त करने वाले लोगों को जमा करना पड़ता है.
- पांचवें, छठे और सातवें दिन इस प्रक्रिया में जिसकी बोली सबसे ज्यादा होती है उसे वह वीआईपी नंबर दे दिया जाता है.
- जिन नंबरों के लिए बोली नहीं लगती या मात्र एक लोग अप्लाई करते हैं तो ऐसी स्थिति में 7 दिन का मौका और दिया जाता है.
- जब फिर भी कोई नहीं आता तो 14वें दिन बेस प्राइस वीआईपी नंबर के साथ उक्त व्यक्ति को वह वीआईपी नंबर प्रदान कर दिया जाता है.
एआरटीओ पंकज सिंह ने बताया कि पहले यह बेस प्राइस बहुत कम हुआ करता था, जिसकी वजह से लोग ज्यादा दिलचस्पी से वीआईपी नंबर लेते थे. इस बार मूल्य अधिक हो जाने से इसमें लोग रुचि नहीं ले रहे.