बाराबंकीः पहली जुलाई से शुरू हो रहा वृहद पौधरोपण अभियान इस बार कोरोना से पीड़ित कर्मचारियों को समर्पित होगा. इस महाभियान में न केवल अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देने वाले और इम्युनिटी बूस्टर पौधे रोपित किए जायेंगे. बल्कि कोविड की चपेट में आकर जान गंवा चुके लोगों की याद में स्मृति वाटिकाएं भी विकसित की जाएंगी.
जिले में दो स्थानों पर बनाई जा रही इन स्मृति वाटिकाओं में मृतक परिवारों के लोग एक-एक पौधे रोपकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. यही नहीं इस महाभियान के लिए पहली बार जिओ टैगिंग ऐप डेवलप किया गया है, जिससे दूसरे विभागों द्वारा रोपित किए जाने वाले पौधों की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकेगी. वन विभाग ने इस महाभियान में भागेदारी कर रहे सभी विभागों को ऐप डाउनलोड करा दिया है, ताकि वे रोपित किए जाने वाले पौधे की फोटो ऐप पर अपलोड कर सकें.
वन विभाग वृहद वृक्षारोपण को तैयार
पहली जुलाई से शुरू हो रहे वृहद वृक्षारोपण अभियान में जिले को इस बार कुल 54 लाख 95 हजार 241 पौधे रोपित करने का लक्ष्य मिला है. जिसमें अकेले वन विभाग को 23 लाख 24 हजार पौधे लगाने हैं. बाकी पौधे विभिन्न विभाग लगाएंगे. जिले में 07 वन रेंज हैं, जिनमें कुल 39 पौधशालाएं हैं. वन विभाग ने इन नर्सरियों में करीब 77 लाख पौधे तैयार किए हैं.
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डीएफओ डॉ. एनके सिंह ने बताया कि इस बार उन पौधों को रोपित करने पर ज्यादा फोकस है जो प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं. जैसे पीपल और बरगद के पौधे अधिक मात्रा में लगाए जायेंगे. इनके अलावा इम्युनिटी बूस्टर पौधे जैसे गिलोय, आंवला और तुलसी के पौधे भी रोपित किए जाएंगे. औषधीय पौधे जैसे सहजन, बेल भी पर्याप्त मात्रा में लगाने की योजना है. इसके अलावा किसानों की आय दोगुनी करने वाले पौधे जैसे सागौन किसानों को मुफ्त दिए जाएंगे.
स्मृति वाटिका की जाएगी विकसित
इस बार पौधरोपण महाभियान कोरोना को समर्पित है. जिले में कोरोना की चपेट में आकर 57 कर्मचारियों की जान चली गई थी. उनकी याद बाकी रहे इसके लिए वन विभाग ने स्मृति वाटिका विकसित करने की तैयारी की है. जिले में दो स्मृति वाटिकाएं बनाई जा रही हैं, एक जिला मुख्यालय पर आवास विकास में स्थित एक पार्क में और दूसरी स्मृति वाटिका देवां ब्लॉक के इनायतपुर खिजिरपुर में बनाई जा रही है. इन स्मृति वाटिकाओं में मृतक परिवारों के लोग आकर पौध रोपित करेंगे. ताकि वे जब भी बाराबंकी आएं तो अपने खोए हुए संबंधी की याद ताजा हो सके. यहीं नहीं इन रोपे जाने वाले पौधों की रेगुलर अंतराल पर मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके लिए पौधरोपण समिति एक उपसमिति बनाएगी. जिसमें करीब 6 से अधिक अधिकारी रहेंगे. जो इन पौधों की स्थिति पर नजर रखेंगे.