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पौधरोपण की जमीनी हकीकत जांचेगा फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया, वन मंत्री ने दिए आदेश

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Published : Sep 18, 2019, 2:31 PM IST

बीते दिनों प्रदेश में चलाए गए वृहद पौधरोपण अभियान के तहत लगाए गए पौधों की जमीनी हकीकत फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया जांचेगा. वन मंत्री दारा सिंह ने कहा कि सर्वे में अगर लापरवाही पाई गई तो दोषियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा.

वृहद पौधरोपण अभियान.

बाराबंकीः बीते दिनों सूबे में वृहद पौधरोपण के तहत करीब 25 करोड़ पौधे लगाए गए थे. इन पौधों की फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया जमीनी हकीकत जांचेगा. सूबे के वन मंत्री ने कागजों पर हुए पौधरोपण की मिल रही शिकायतों पर देश की सम्मानित संस्था एफएसआई को इस काम का जिम्मा सौंपा है.

वन मंत्री दारा सिंह.

वन मंत्री ने स्वीकार किया कि अभी तक पौधरोपण कागजों पर ही चला करता था. सर्वे में अगर लापरवाही पाई गई तो दोषी को बख्शे नहीं जाएंगे. बताते चलें कि इस महाभियान के लिए खास तौर से माइक्रोप्लान तैयार किया गया था. वन विभाग के अलावा जिलों के सभी विभागों को पेड़ लगाने के लक्ष्य दिए गए थे.

बीती 9 अगस्त को आयोजित हुए वृहद पौधरोपण कार्यक्रम में जिले को 44 लाख 06 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य दिया गया था. जिसमें 14 लाख 31 हजार पौधे अकेले वन विभाग को लगाने थे और बाकी का लक्ष्य जिले के 26 विभागों को मिला था. इतने बड़े लक्ष्य को वन विभाग ने चुनौती के रूप में लिया और बाकायदा योजना बनाकर लक्ष्य को पूरा कर लिया.

कुछ दिनों में वन मंत्री दारा सिंह को शिकायत मिली, जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया. शिकायतों के मद्देनजर उन्होंने देश की महत्वपूर्ण संस्था भारतीय वन सर्वेक्षण को सच्चाई पता लगाने के लिए कहा है. इस अभियान का चेयरमैन जिलाधिकारी होता है लिहाजा डीएम की अध्यक्षता में हर जिले में एक पौधरोपण निगरानी समिति बनाकर जमीनी हकीकत जांची जा रही है.

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