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बाराबंकी: किसानों के आगे झुका प्रशासन, तीन के अंदर तौला जाएगा धान - बाराबंकी किसानों ने किया धरना

यूपी के बाराबंकी में अपनी मांगों को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. किसानों की मांग थी कि उनके धान लदी ट्रालियों की तौल जल्द से जल्द से कराई जाए. इसके बाद जिले के आलाधिकारियों ने तीन के अंदर तौल कराए जाने का वादा किया.

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बाराबंकी में अपनी मांगों को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया.

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Published : Dec 11, 2019, 9:41 PM IST

बाराबंकी: जिले में अपनी धान लदी ट्रॉलियों के साथ नगर के गन्ना संस्थान में धरना दे रहे किसानों द्वारा लखनऊ कूच किये जाने की धमकी के बाद जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में तहसीलदार नवाबगंज, डिप्टी आरएमओ, मार्केटिंग इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने किसानों को मनाने का प्रयास किया. वहीं किसान अपने धान की तौल आज ही कराए जाने की मांग करते रहे, जबकि अधिकारियों ने एक हफ्ते में तौल कराए जाने की बात कही. आखिरकार तीन दिन के अंदर तौल कराए जाने का वादा किये जाने पर किसानों ने धरना खत्म किया.

बाराबंकी में अपनी मांगों को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया.

जिले के धान क्रय केंद्रों पर फैली अनियमितता के चलते किसान अपने धान को बेचने के लिए हलकान हैं. कहने को जिले में धान खरीद के लिए 56 केंद्र खोले गए थे, लेकिन किसानों का आरोप है तमाम केंद्र महज कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं. बेचने के लिए केंद्रों पर धान ले जाने पर उन्हें दौड़ाया जाता है.

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मांगों को लेकर किसानों ने दिया धरना
किसानों का आरोप है कि मंडी ले जाने पर उन्हें कई-कई दिन जान-बूझकर लटकाया जाता है, जबकि बिचौलियों का धान मिलीभगत से खरीदा जा रहा है. मजबूरन मंगलवार को किसान अपनी धान लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर नगर के गन्ना संस्थान में जमा होने लगे. यही नहीं, तकरीबन दो दर्जन ट्रॉलियों के साथ उन्होंने धरना शुरू कर दिया. वहीं बुधवार को सुबह किसानों ने धमकी दे डाली कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे ट्रैक्टर ट्रॉलियों समेत लखनऊ कूच करेंगे. यह खबर जब प्रशासन तक पहुंची तो हड़कम्प मच गया और आनन-फानन में एसडीएम, तहसीलदार, एआर कोऑपरेटिव, डिप्टी आरएमओ और मार्केटिंग इंस्पेक्टर मौके पर पहुंच गए और किसानों को समझाने का प्रयास किया. एक हफ्ते में तौल कराए जाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन किसान बुधवार को ही तौल किये जाने की जिद पर अड़े रहे. आखिरकार काफी देर चली वार्ता के बाद प्रशासन ने तीन दिनों के अंदर तौल कराए जाने का वादा किया, तब जाकर किसान माने और धरना समाप्त किया.

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