बाराबंकी:अन्नदाताओं की समस्याओं के निदान के लिए आयोजित होने वाले किसान दिवस अब महज कागजी बनकर रह गए हैं. अधिकारियों द्वारा गंभीरता न दिखाने के चलते किसान भी अब इससे मुंह मोड़ने लगे हैं. कुछ जागरूक किसान हैं जो इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. बैठकों से अधिकारी नदारद रहते हैं. लिहाजा किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा.
शुरुआत में तो किसान दिवसों का आयोजन ठीक-ठाक हुआ. इन दिवसों में किसानों की जबरदस्त भीड़ उमड़ती थी. कृषि विभाग की अगुवाई में ऊर्जा, उद्यान, सहकारिता, मत्स्य, सिंचाई और पशुपालन समेत तकरीबन 42 विभागों के अधिकारी इसमें शामिल होते थे. किसान अपनी समस्याएं खुलकर रखते थे और उनकी समस्याओं का निराकरण भी होता था.
जिलाधिकारी बैठक में पूरे समय गंभीरता से किसानों की समस्याओं को सुनकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से जवाब तलब भी करते थे. वक्त बीता तो इस दिवस के प्रति अधिकारियों ने दिलचस्पी लेनी कम कर दी.
कई विभागों के अधिकारियों ने किसान दिवस में आना भी कम कर दिया. अधिकारियों की बेरुखी से आहत किसानों ने भी बैठक में आना कम कर दिया. कुछ एक जागरूक किसान हैं जो बैठक में आते हैं. इनको दुख है कि अधिकारी इस दिवस को गंभीरता से नहीं ले रहे.