बाराबंकी:मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. कॉलेज के ही एक कर्मचारी ने करीब तीन दर्जन से ज्यादा फेल मेडिकल स्टूडेंट्स से लाखों रुपये लेकर उनको फर्जी मार्कशीट दे दी. यहीं नहीं छात्रों को अगली क्लास में एडमिशन भी दिलवा दिया. इनमें से कई स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप में भी दाखिला दिलवा दिया. यूनिवर्सिटी से जब इन अंकपत्रों के फर्जी होने की जानकारी मिली तो कॉलेज प्रबंधन में हड़कंप मच गया. कॉलेज प्रबंधन आरोपी कर्मचारी को पहले ही नौकरी से निकाल चुका है. अब उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है.
पूर्व कर्मचारी पर आरोप
पूरा मामला शहर के गदिया स्थित मेयो इंस्टीट्यूूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़ा है. यहां के प्रशासनिक अधिकारी राजवर्ध दीक्षित ने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इंस्टीट्यूट के मार्केटिंग मैनेजर रहे राजीव रंजन चौबे साल 2014 से कॉलेज में कार्यरत थे. उन्होंने छात्रों से लाखों रुपये लेकर इंटर्नशिप कराने के नाम पर फर्जी मार्कशीट दी है. इसको लेकर इन्हें कॉलेज प्रशासन ने नवंबर 2018 में नौकरी से निकाल दिया था. इस बीच जब कॉलेज प्रशासन ने जांच की तो पता चला कि जो बच्चे टेबुलेशन में पास नहीं थे. उनकी फर्जी मार्कशीट तैयार कर इंटर्नशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवा दिया गया है. अब पैसा वापस मांगने और पूछताछ करने पर इन्होंने कॉलेज प्रशासन के कर्मचारियों और विद्यार्थियों को जान से मारने की धमकी भी दी.
बाराबंकी शहर से करीब पांच किमी दूर लखनऊ मार्ग पर स्थित मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस और नर्सिंग की पढ़ाई के साथ हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज भी होता है. इस कॉलेज को डॉ. राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी फैजाबाद से मान्यता मिली है. मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस में 150 सीटें हैं तो वहीं नर्सिंग में 350 सीटें हैं. 2014 से कॉलेज में तैनात बतौर मार्केटिंग मैनेजर राजीव रंजन चौबे ने यहां एक बड़ा फर्जीवाड़ा कर कॉलेज की शाख पर सवालिया निशान लगा दिया है.