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बाराबंकीः माध्यमिक स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता जांचेगा जिले का क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल

यूपी के बाराबंकी में राजकीय और शासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति बदलने वाली है. इन विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए शासन ने नई कवायद शुरू की है. इसके तहत जिले का क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल बनाया जा रहा है, जो हर 15 दिन में किहीं दो विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर उसकी जमीनी हकीकत जांचेगा.

क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल गठन.

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Published : Oct 14, 2019, 11:21 PM IST

बाराबंकीःराजकीय और शासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए शासन ने नई कवायद शुरू की है. इसके तहत जिले का क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल हर 15 दिन में किहीं दो विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर उसकी जमीनी हकीकत जांचेगा. शासन ने इसके लिए जिलों को निर्देश जारी करते हुए, उन्हें 12 बिंदुओं का फॉर्मेट भी भेजा है. बाराबंकी पहुंचे निदेशक माध्यमिक शिक्षा विनय कुमार पांडे ने ईटीवी भारत से की गई विशेष बातचीत में ये जानकारी दी.

जानकारी देते निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग.

कौन-कौन होगा मॉनिटरिंग सेल में
माध्यमिक विद्यालयों के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने के लिए शासन ने नई शुरुआत की है. जिले में 38 राजकीय, 36 एडेड और 226 वित्तविहीन विद्यालय संचालित हैं. इसके लिए जिला और मंडल स्तर पर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. चार सदस्यीय इस सेल में जिला विद्यालय निरीक्षक पदेन अध्यक्ष होंगे, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य, सचिव और इसके अलावा जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नामित एक राजकीय और एक सहायता प्राप्त विद्यालयों के दो प्रधानाचार्य सदस्य होंगे.

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क्या होगा मॉनिटरिंग सेल का कार्य
शासन ने इसके लिए एक 12 बिंदुओं का फॉर्मेट जारी किया है, जिसके आधार पर सेल कार्य करेगा. यह सेल महीने के पहले 15 दिन में किहीं दो विद्यलयों का औचक निरीक्षण करेगा और 16 तारीख को रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगा. इसी तरह अगले 15 दिन में फिर किहीं दो स्कूलों का औचक निरीक्षण कर महीने की अंतिम तारीख को रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगा. यही नहीं यह सेल मिलने वाली कमियों के सुधार के लिए सिफारिश भी करेगा.

इन बिंदुओं पर होगा निरीक्षण

  • विद्यालय की भौतिक स्थिति का निरीक्षण करेगा जैसे भवन, साफ सफाई, सीसीटीवी कैमरे, बैठने के इंतजाम,पेयजल, शौचालय और विद्यालय की चहारदीवारी की स्थिति.
  • विद्यालय में भौतिकी, रसायन और कम्प्यूटर की प्रयोगशालाओं की स्थिति का निरीक्षण.
  • छात्र और अध्यापकों की उपस्थिति.
  • छात्रों के नामांकन की स्थिति.
  • विद्यलयों में भाषा, सामाजिक विज्ञान संबंधी होने वाली शिक्षागुणवत्ता और वार्तालाप की स्थिति.
  • शासन द्वारा जारी किए गए शैक्षिक पंचांग के क्रियान्वयन की स्थिति.
  • पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों की स्थिति.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत में निदेशक माध्यमिक शिक्षा विनय कुमार पांडे ने बताया कि सेल गठित करने का मकसद डीआईओएस की अध्यक्षता में और शिक्षाविदों की मदद से पठन-पाठन, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, बेस्ट प्रैक्टिसेज और नवाचार गतिविधियों को बढ़ावा देना है. जो सुनियोजित और प्लांड वे में जिले की शैक्षणिक विकास की रूपरेखा तैयार करेगा और उसको लागू कराने के लिए शासन को अवगत कराएगा.

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