बाराबंकी: जिले में गांवों के विकास कार्यों में लापरवाही और अनियमितता सामने आने पर ग्राम प्रधान से पहले सचिवों की जवाबदेही तय की जाय. ये मुद्दा मंगलवार को बाराबंकी में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति यानी "दिशा" की बैठक में छाया रहा. अयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस आशय का पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री को भी लिखा था कि इसके लिए शासनादेश कर दिया जाय. करीब 11 महीने बाद हुई इस बैठक में विकास कार्यों का मुद्दा छाया रहा. इसके अलावा जल निगम, बिजली विभाग की भी समस्याओं पर चर्चा हुई. करीब डेढ़ घण्टे तक चली इस बैठक में तीन भाजपा के और एक सपा विधायक बाहर होने के चलते उपस्थित नहीं हो सके.
बताते चलें कि मंगलवार को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति यानी दिशा की बैठक थी. डीआरडीए हाल में आयोजित इस समीक्षा बैठक में दीन दयाल अंत्योदय योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, समेकित विद्युत विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, उज्ज्वला योजना, दिव्यांगजन पेंशन योजना, रोजगार सृजन योजना, डिजिटल इंडिया समेत तमाम योजनाओं पर चर्चा हुई. निन्दूरा ब्लॉक प्रमुख ने उठाया मुद्दा इस मौके पर निन्दूरा ब्लॉक के प्रमुख ने कुछ पात्रों के आवास छीनकर अपात्रों को दिए जाने का मामला उठाया. इस पर सम्बंधित अधिकारी से जवाब तलब किया गया. अधिकारी ने मामले में कार्रवाई की बात कही. इस दौरान अयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि गांवों के भ्रष्टाचार पर ग्राम प्रधानों से पहले सचिवों पर जिम्मेदारी तय की जाय.
दरियाबाद विधायक ने दिए सुझाव
दरियाबाद विधायक सतीश शर्मा ने सुझाव दिया कि गांवों के विकास कार्यों की जमीनी सच्चाई के लिए किन्ही पांच गांवों को चयनित कर उनकी रैंडम चेकिंग कराई जाय, क्योंकि अधिकारी तो सब अच्छा बता देते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और रहती है.
सांसद ने बीएसए से की शिकायत