बाराबंकी:जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों से अस्पतालों द्वारा जमकर अवैध वसूली की गई. एसडीएम की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच टीम ने इस लूटखसोट की पुष्टि की. जांच टीम ने पाया कि दोनों अस्पतालों द्वारा 53 मरीजों से लाखों रुपये की अवैध वसूली की गई. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने इन दोनों अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. जिला प्रशासन ने दोनों अस्पतालों को आदेश दिया है कि इन सभी 53 मरीजों को शासन द्वारा निर्धारित मानक से अधिक वसूल की गई धनराशि हर हाल में 10 जून तक वापस कर अवगत कराएं. साथ ही इलाज के दौरान का पूरा विवरण भी दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराएं.
शासन ने कोविड मरीजों से ली जाने वाली धनराशि तय की थी
कोविड मरीजों की भर्ती के लिए चिह्नित किए गए अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए शासन ने शुल्क निर्धारित किया था. आइसोलेशन में भर्ती मरीजों से 48 सौ रुपये, आईसीयू के मरीजों से 78 सौ रुपये और आईसीयू में वेंटिलेटर के 9 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज किया जाना था. इसमें अस्पताल को ऑक्सीजन बेड, भोजन, नर्सिंग केयर, मॉनिटरिंग, आवश्यक जांच और कंसल्टेशन की सुविधा भी देनी थी.
लुटेरे अस्पतालों ने मरीजों से की जमकर वसूली
नगर कोतवाली के सफेदाबाद के नजदीक स्थित हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और गदिया के नजदीक स्थित मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को कोविड अस्पताल के लिए चिह्नित किया गया था. इन अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से जमकर लूट-खसोट की गई. शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की शिकायत को जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने गम्भीरता से लिया और 8 मई को औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण में अनियमितताएं पाई गईं थीं.
लूट-खसोट की जांच के लिए बनी थी कमेटी