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ATM Card Fraud गैंग का पर्दाफाश, मशीन में फेवीक्विक डालकर लगाते थे चूना, जानिए कैसे

बाराबंकी में एटीएम कार्ड (ATM Card Fraud in Barabanki) को मशीन में फंसाने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने 3 लाख रुपये से अधिक की नकदी और 14 कार्ड बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

एडिशनल एसपी आशुतोष मिश्रा ने बताया
एडिशनल एसपी आशुतोष मिश्रा ने बताया

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Published : Aug 11, 2023, 10:32 PM IST

एडिशनल एसपी आशुतोष मिश्रा ने बताया.

बाराबंकी:जनपद की पुलिस ने एटीएम कार्ड से जालसाजी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इसके साथ ही 2 जालसाजों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से लाखों रुपये नकदी के साथ कई एटीएम कार्ड और सिम भी बरामद हुए हैं. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर कानूनी कार्रवाई कर रही है. पकड़े गए आरोपी बहुत ही शातिर तरीके लोगों को निशाना बनाते थे.


डिस्पोजेबल सिरिंज के साथ लाखों रुपये बरामदःएडिशनल एसपी आशुतोष मिश्रा ने बताया कि सर्विलांस और थाना कोतवाली नगर की संयुक्त पुलिस टीम ने मैनुअल इंटेलीजेंस और डिजिटल डेटा की मदद से एटीएम फ्राड करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया. नगर कोतवाली के कुरौली मोड़ से 2 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से 3 लाख 49 हजार 8 सौ रुपये नकद, विभिन्न बैंकों के 14 एटीएम कार्ड, 3 मोबाइल फोन वारदात में इस्तेमाल किये जाने वाला 6 सिम कार्ड, 10 डिस्पोजेबल सिरिंज, 8 फेवीक्विक का पैकेट, 2 चाकू, एक पेंचकस, एक पलास और एक मार्कर पेन बरामद किया है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम सतीश कुमार और चंदन कुमार बताया है. दोनों शातिर चोर बिहार राज्य के रहने वाले हैं. ये दोनों शातिर चोर एटीएम फ्राड की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. जिसमें जुलाई माह में दो वारदात शामिल हैं.


ठगी करने का ढंग सुनकर हो जाएंगे हैरानःएडिशनल एसपी ने बताया कि सबसे पहले दोनों युवक अपने शिकार वाली जगह की तलाश करते थे. इसके बाद वहां पहुंचकर एक युवक एटीएम के अंदर पहुंच जाता था और दूसरा युवक एटीएम के बाहर खड़ा हो जाता था. इसके बाद पहला वाला युवक एटीएम मशीन की दीवार पर मार्कर से कुछ फर्जी टोल फ्री जैसे नंबर लिख देता. यह नंबर बाहर खड़े युवक के मोबाइल नबंर होते थे. जो फर्जी तरीके से खरीदे गए सिम के होते थे.

ऐसे चिपक जाता है एटीएम कार्डःएडिशनल एसपी ने बताया कि उसके बाद अंदर वाला युवक सिरिंज के जरिये एटीएम कार्ड लगाने वाले साकेट में फेवीक्विक इंजेक्ट कर देता था. जैसे ही कोई व्यक्ति रुपया निकालने एटीएम में दाखिल होता ये लोग अलर्ट हो जाते थे. इसके बाद पैसा निकालने वाला व्यक्ति अपना एटीएम कार्ड जैसे ही डालता थोड़ी देर बाद उसका कार्ड उसमें चिपकने की वजह से नहीं निकल पाता था. इसी दौरान फ्राड करने वाला युवक अंदर दाखिल होकर परेशानी पूछता था. पीड़ित जब बताता कि उसका कार्ड नहीं निकल रहा है तो ये उसकी मदद में लग जाते थे.

एटीएम से निकाल लेते थे कैशःएडिशनल एसपी ने बताया कि इसके बाद फ्राड करने वाला पीड़ित को दीवार पर लिखे नंबरों पर फोन से बात करने की बात कहता था. इसके बाद बाहर खड़ा दूसरा आरोपी फोन के माध्यम से सारी डिटेल ले लेता था. जब एटीएम के टेक्नीशियन नहीं आता तो पीड़ित परेशान होकर वापस चले जाते थे. इसके बाद बाहर खड़ा युवक अंदर जाकर प्लास से कार्ड निकाल लेते थे. इसके बाद पीड़ित की जानकारी के आधार पर उसका सारा कैश एटीएम से निकाल लेते थे. आरोपियों ने लखनऊ, उन्नाव, बनारस , प्रयागराज और रायबरेली समेत कई जनपदों और बिहार में कई वारदातों को करना स्वीकार किया है.

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