बाराबंकीः बीते 16 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने बांदा जेल प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाए थे. साथ ही अपनी हत्या किए जाने की आशंका जताई थी. मुख्तार अंसारी ने कहा था कि कुछ संदिग्ध लोग जेल में बिना गेटबुक में इंट्री किए आते-जाते रहते हैं. माननीय न्यायाधीश से प्रार्थना की थी कि जिला कारागार बांदा का गेटबुक और सीसीटीवी फुटेज तलब कर लिया जाए.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने इस आशय का प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय को दिया था. जिसमें बुधवार को कोर्ट ने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं को सुनकर आदेश पारित किया. अभियोजन अधिकारी ने प्रार्थना पत्र पर आपत्ति की और कहा कि अभियुक्त को जिला कारागार बांदा में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है, जबकि अभियुक्त मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने इस तर्क का खंडन किया.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय अदालत ने आदेश दिया कि, चूंकि अभियुक्त मुख्तार अंसारी ने जेल में अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है. साथ ही अपनी हत्या कराए जाने की योजना बनाए जाने की बात कही है. लिहाजा माननीय न्यायाधीश ने जिला कारागार बांदा के जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि, वह जेल मैनुअल के प्राविधान के अनुसार अभियुक्त मुख्तार अंसारी को जेल के अंदर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें. साथ ही उसकी सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई ढील न बरतें.
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इस सम्बंध में जो भी आवश्यक कदम हो उनको तत्काल जेल मैनुअल के प्राविधान के अनुसार उठाए जाएं. यही नहीं माननीय न्यायाधीश ने आदेश की एक प्रति महानिदेशक कारागार लखनऊ को आवश्यक कार्रवाई और आदेश के अनुपालन अपने स्तर से भी सुनिश्चित कराए जाने के लिए प्रेषित किए जाने का आदेश दिया. गौरतलब हो कि एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी आरोपी हैं और मामला बाराबंकी कोर्ट में चल रहा है. जिसकी पेशी बीते 16 अगस्त को हुई थी और अगली पेशी 27 अगस्त को है.