बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित परिवार परामर्श केंद्र मामूली विवाद के चलते टूट रहे परिवारों को बचाने में मुख्य भूमिका अदा कर रहा है. यहां एक सप्ताह में करीब 50 मामलों का निपटारा किया जाता है. काउंसलर्स का मानना है कि इस कार्य से उन्हें बेहद खुशी मिलती है. इसी कड़ी में जनपद के परामर्श केंद्र में आज लगभग 3-4 मामलों को सुलझाया गया. काउंसलर्स की सलाह पर महिला और पुरुषों ने अपनी-अपनी गलती स्वीकार की, जिसके बाद पति-पत्नी के बीच का विवाद खत्म हो गया.
परिवार को समझाते काउंसलर्स जनपद के पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केंद्र में हर हफ्ते विवादित मामलों के दोनों पक्षों को नोटिस देकर बुलाया जाता है. केंद्र के काउंसलर दोनों पक्षों को समझाते हैं. साथ ही महिलाओं और पुरुषों को पारिवारिक कलह से होने वाले नुकसानों की भी जानकारी दी जाती है. काउंसिलिंग के बाद अधिकतर परिवारों में सुलह करा लिया जाता है, जिनमें सुलह नहीं हो पाता उन्हें अगली तारीख देकर दोबारा बुलाया जाता है. काउंसलर्स के मुताबिक ज्यादातर मामले छोटे-मोटे विवाद और गार्जियंस के हस्तक्षेप के कारण पैदा होते हैं. असल में, आपसी सामंजस्य की कमी के चलते पति-पत्नी के रिश्तों में मामूली विवाद भी झगड़े का रूप ले लेता है. इससे दो परिवार तो टूटते ही हैं, साथ ही बच्चों पर भी इसका गलत असर पड़ता है. परिवार परामर्श केंद्र ऐसे ही टूटते रिश्तों को जोड़ने में जुटा है.
परिवार परामर्श की यह कोशिश न केवल एक परिवार को टूटने से बच रहा है, बल्कि समझौते के बाद तमाम परिवार आज खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं. परिवार परामर्श केंद्र की एक सूत्रीय कोशिश यही है कि टूटते परिवारों को बचाया जाए.
संजू बाजपेई, महिला काउंसलर
झगड़े के बाद परिवार परामर्श केंद्र में बुलाया गया. यहां आने के बाद काउंसलर्स की सलाह पर आपसी मतभेद अब खत्म हो गया है.
त्रिवेणी, निवासी गोंडा