बाराबंकी: करोड़ों रुपये की बदहाली झेल रहा जैदपुर पॉलिटेक्निक की हालत की खबर ईटीवी भारत के प्रकाशित करने के बाद सुधर गई. ईटीवी भारत ने पॉलिटेक्निक की हालत को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस पर संज्ञान लिया था. 17 फरवरी 2020 को जिलाधिकारी और सांसद ने इसका उद्घाटन किया था. वहीं इस साल अप्रैल महीने से इसमें बच्चों का प्रवेश और पढ़ाई शुरू हो जाएगी. उद्घाटन के दिन जिलाधिकारी ने इसका श्रेय ईटीवी भारत को दिया. पढ़ाई लिखाई शुरू न होने से यह अपराध और गंदगी का अड्डा बन चुका था. जिलाधिकारी ने क्रिटिकल गैप योजना से इसकी फेंसिंग करवाई और बदहाल इमारत को ठीक कराया.
राजकीय पॉलिटेक्निक का निर्माण कार्य शुरू 5 वर्ष बाद शुरू हुआ काम
जैदपुर पॉलिटेक्निक 5 वर्षों से निर्माण के बाद केवल बाउंड्री वाल न बनने के कारण अव्यवस्था का शिकार था. जिले के जैदपुर महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण 2013-14 में शुरू हुआ था. यह प्रोजेक्ट तत्कालीन यूपीए सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के Multi-Sectoral Programme के अंतर्गत बनना शुरू हुआ. साल 2014 में लोकसभा के आम चुनाव हुए और यूपीए की जगह भाजपा की एनडीए सरकार बना तब भी यह कार्य चलता रहा.
बिल्डिंग के निर्माण के लिए धनराशि भी हो गई थी खत्म
उत्तर प्रदेश सरकार की संस्था यूपीसीएल को इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए धनराशि भी दी गई थी. मगर समय रहते इस बिल्डिंग का निर्माण पूरा नहीं किया जा सका और निर्धारित धनराशि भी खर्च हो गई. इस दौरान जिस कार्यक्रम की ओर से इसको बनाया जा रहा था, वह दूसरे कार्यक्रम में परिवर्तित हो गया और इसकी धनराशि भी कई बार लिखने के बावजूद भी नहीं मिल सकी. करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाला पॉलिटेक्निक का कार्य फिर रुक गया और करीब 5 वर्षों के बाद शुरू किया जा सका.
17 फरवरी को शुरू हुआ निर्माण कार्य
ईटीवी भारत के खबर दिखाने के बाद जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह ने इसका संज्ञान लिया और क्रिटिकल गैप के अंतर्गत इसका बचा हुआ निर्माण कार्य कराना शुरू किया. इस 17 फरवरी को जिला अधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह और बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने इस जैदपुर पॉलिटेक्निक का लोकार्पण किया. इसमें जिलाधिकारी ने अपने भाषण के दौरान ईटीवी भारत के विचार और खबर की सराहना की और राजकीय महिला पॉलिटेक्निक के बेहतरी का श्रेय ईटीवी भारत को दिया. अप्रैल में अब नए सत्र से यहां पर छात्र-छात्राएं पढ़ने लगेंगे और अपने भविष्य का निर्माण भी करने लगेंगे. यह राजकीय पॉलिटेक्निक न केवल छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर साबित होगा बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए भी बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा. इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.
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