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संत रविदास मंदिर विवाद: कांग्रेस ने भाजपा से पूछा, रविदास के अनुयायी हिंदू हैं या नहीं ! - दिल्ली के तुगलकाबाद

दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में संत रविदास मंदिर तोड़े जाने को लेकर देश भर के दलितों में गुस्सा है. इसके खिलाफ राजधानी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जा चुका है. कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को जवाब देना चाहिए कि वह रविदास के अनुयायियों को हिंदू मानती है या नहीं.

संत रविदास मंदिर ढहाये जाने पर कांग्रेस का भाजपा पर हमला.

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Published : Aug 23, 2019, 8:04 PM IST

बाराबंकी: दिल्ली में संत रविदास मंदिर के तोड़े जाने को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. अब इस मामले में कांग्रेस ने मंदिर और हिंदू राग अलापते हुए भाजपा को घेराव किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने पत्रकारों से बातचीत में इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि वह रविदास और उनके अनुयायियों को हिंदू मानती है या नहीं. इसके साथ ही पुनिया ने उसी जगह पर दोबारा मंदिर बनाने की भी मांग की है.

संत रविदास मंदिर ढहाये जाने पर कांग्रेस का भाजपा पर हमला.
क्या बोले पीएल पूनिया
कांग्रेस राज्यसभा सांसद पीएल पूनिया ने संत रविदास मंदिर के ढहाये जाने को भाजपा का काम बताया. उन्होंने कहा कि गुरू रविदास मंदिर को भाजपा ने ढहा दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से इस मंदिर को तोड़ा है उससे कुछ सवाल पैदा होते हैं. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि भाजपा को बताना होगा कि क्या वह संत रविदास के मंदिर को मंदिर मानते हैं या नहीं. साथ ही संत रविदास के मानने वालों को भाजपा हिंदू मानती है या नहीं. इसके बाद पीएल पूनिया ने सरकार से मांग की कि उस जमीन को वापस दिया जाए और वहां एक दिव्य मंदिर का निर्माण कराया जाना चाहिए क्योंकि यह संत रविदास के मानने वाले लोगों की आस्था का विषय है.
एक नजर: संत रविदास मंदिर विवाद

दिल्ली के तुगलकाबाद में डीडीए ने अपने मास्टर प्लान के तहत 10 अगस्त को संत रविदास मंदिर तोड़ दिया था. 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था. संत रविदास के अनुयायियों का मानना है कि इसी जगह पर संत रविदास जी अपने भ्रमण के दौरान रुके थे. इसी वजह के चलते यहां मंदिर बनाया गया था. मंदिर तोड़े जाने के लिए भीम आर्मी और बसपा समेत तमाम राजनीतिक दल लगातार केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इस मामले में 22 अगस्त को प्रदर्शन करने के दौरान भीम आर्मी के चंद्रशेखर सहित 91 लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया गया था.

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