बाराबंकी :काफी अर्से से टैक्स की अदायगी न करने वाले व्यापारियों को वाणिज्यकर विभाग ने बड़ी राहत देते हुए ब्याजमाफी योजना शुरू की है. पिछले वर्ष मिली भारी सफलता को देखते हुए इस योजना को इस बार मोडिफाई करते हुए फिर से शुरू किया गया है. तीन महीने के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत दस लाख रुपये तक के बकाएदारों को मूलधन जमा करने पर ब्याज बिल्कुल भी नही देना होगा. यही नही, न्यायालयों में लंबित मामलों में भी योजना का लाभ दिया जाएगा.
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राजस्व वसूली के लिए ब्याज माफी योजना
शासन ने इन करों की वसूली के लिए पिछले वर्ष 27 फरवरी को ब्याजमाफी योजना शुरू की थी. इसके तहत तमाम व्यापारियों ने योजना का लाभ उठाया और टैक्स की अदायगी कर दी. बावजूद इसके, हजारों व्यापारियों ने टैक्स की अदायगी नही की. पिछली योजना की सफलता को देखते हुए शासन ने इस बार नए कलेवर के साथ ब्याजमाफी योजना को फिर से लांच किया है.
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योजना को किया गया मोडिफाई
तीन महीने तक चलने वाली इस योजना के तहत शासन ने बकायेदार व्यापारियों को बड़ी राहत दी है. इस बार दस लाख रुपये तक बकायेदार व्यापारियों को ब्याज नहीं देना है. केवल उन्हें मूलधन ही देना है. इसके साथ ही न्यायालयों में लंबित मामलों पर भी ये योजना लागू होगी. इसके लिए ऐसे बकायेदार व्यापारियों को जिनके मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, उनको न्यायालय पर अपने वाद को नॉट प्रेस करना होगा. विभाग में एक शपथपत्र देना होगा.
शासन की मंशा
शासन की मंशा है कि बकाएदार व्यापारियों पर कार्यवाही किए बिना पिछले कई वर्षों से बकाया चल रहे राजस्व की शत प्रतिशत वसूली हो जाय.
किनको कितना मिलेगा लाभ
- जिन व्यापारियों का मूलधन 10 लाख रुपये तक है, उन्हें केवल मूलधन जमा करना होगा. कोई ब्याज नही देना होगा.
- जिन व्यापारियों का मूलधन दस लाख से अधिक और एक करोड़ तक है, उन्हें मूलधन जमा करना होगा. साथ ही ब्याज की 10 फीसदी धनराशि जमा करनी होगी.
- इसी तरह एक करोड़ से अधिक और पांच करोड़ तक के मूलधन वाले व्यापारियों को पूरा मूलधन जमा करना होगा. साथ ही ब्याज की 50 फीसदी धनराशि भी जमा करनी होगी.
- पांच करोड़ से ज्यादा के मूलधन वाले व्यापारियों को पूरा मूलधन जमा करना होगा. साथ ही 90 फीसदी ब्याज भी देना होगा.