बाराबंकी: जिले में मस्जिद प्रकरण पर मचे सियासी घमासान को सीएम योगी ने गम्भीरता से लिया है. सीएम के निर्देश पर शासन स्तर से एक त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है, जो शासकीय सम्पत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने और इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर वक्फ बोर्ड द्वारा पंजीकरण कराए जाने के सम्बंध में जांच करेगी. विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ शिवकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में यह कमेटी 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को देगी.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी ने जिला प्रशासन पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने सौ साल पुरानी मस्जिद ढहा दी. इस मस्जिद का सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में रजिस्ट्रेशन होना बताया गया. बाद में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने इस मस्जिद की प्रबंधकीय 8 सदस्यीय कमेटी के खिलाफ कूटरचना और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की मिली भगत से कूटरचना करके रजिस्ट्रेशन कराया गया था. जिसमें राजस्व विभाग की कोई रिपोर्ट नहीं थी. इस मामले की गूंज राजधानी लखनऊ तक पहुंची. सीएम योगी ने इसे संज्ञान में लेते हुए वक्फ बोर्ड द्वारा गलत ढंग से रजिस्टर्ड की गई सम्पत्तियों की जांच के निर्देश दिए.
डीएम ने ट्वीट कर कमेटी की दी जानकारी
जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह ने ट्विटर के जरिये जानकारी दी है कि रामसनेहीघाट तहसील परिसर के प्रकरण में शासकीय सम्पत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने तथा इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर पंजीकरण कराए जाने के सम्बंध में शासन स्तर से भी त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की गई है.
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सांसद ने भी किया ट्वीट