बाराबंकीः दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरतने, नियम कानूनों की अवहेलना करने और तानाशाहीपूर्ण कार्य करने के मामले में शासन ने बाराबंकी के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी (Chief Vetenary Officer) डॉ. मार्कण्डेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है. साथ ही इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई किये जाने के भी आदेश दिए गए हैं. निलंबन अवधि में डॉ. मार्कण्डेय निदेशालय पशुपालन विभाग (Directorate of Animal Husbandry) लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे. निलंबन अवधि में वित्तीय नियमों में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता एवं अन्य भत्ते देय होंगे. इसके लिए डॉ. मार्कण्डेय को प्रमाण पत्र देना होगा कि वे निलंबन अवधि में किसी अन्य वृत्ति एवं व्यापार में संलिप्त नहीं हैं.
भ्रष्टाचार में लिप्त बाराबंकी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निलंबित - अपर निदेशक बलवंत सिंह
बाराबंकी के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी (Chief Vetenary Officer) डॉ. मार्कण्डेय को शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है. इन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है.
गौरतलब है कि वर्तमान में बाराबंकी में तैनात मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. मार्कण्डेय को नवम्बर 2021 में निदेशालय से अयोध्या मंडल का प्रभारी अपर निदेशक बनाया गया था. इस दौरान चीफ वेटेनरी ऑफिसर डॉ. मार्कण्डेय द्वारा बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर,अयोध्या और अम्बेडकरनगर के लिपिकीय संवर्ग के 8 पदों पर नियम कानूनों की अनदेखी करते हुए प्रमोशन दे दिया गया. यही नहीं इन्होंने पदों का आवंटन भी कर दिया था. प्रमोशन के बाद इन्होंने पद सहित ट्रांसफर भी कर दिए. नियमानुसार पद सहित ट्रांसफर करने का अधिकार केवल शासन स्तर पर ही है. नियुक्ति अधिकारी ऐसा नहीं कर सकता. प्रमोशन में भी भारी अनियमितता की गई. इसके अलावा भी भ्रष्टाचार के कई आरोप इन पर लगे थे. लोकायुक्त में भी इनके खिलाफ तमाम शिकायतें थीं. ये मामला शासन स्तर तक पहुंचा तो जांच शुरू हो गई. अपर निदेशक बलवंत सिंह ने मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट निदेशालय भेज दी. जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन के निर्णय के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने सीवीओ डॉ. मार्कण्डेय को निलंबित कर दिया.
अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने माना कि मुख्य चिकित्साधिकारी बाराबंकी और प्रभारी अपर निदेशक ग्रेड-2 पशुपालन विभाग अयोध्या मंडल अयोध्या डॉ. मार्कण्डेय ने मण्डलान्तर्गत अधीनस्थ कार्यालयों में पदस्थ लिपिकीय संवर्ग के पदों का बिना सक्षम स्तर के अनुमोदन या आदेश प्राप्त किये आवंटन कर दिए, जो घोर लापरवाही है. यही नहीं उन्होंने नियम कानूनों की घोर अवहेलना की साथ ही तानाशाही पूर्ण काम किया.