बाराबंकी : दो अलग-अलग अदालतों में चल रहे मामलों में गुरुवार को माफिया मुख्तार अंसारी पर आरोप तय हो गए. पहला मामला विशेष अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी/एमपी-एमएलए कोर्ट नम्बर-19 में चल रहा है. इसमें मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में आरोप तय कर दिए गए. कोर्ट ने गवाही के लिए 4 जुलाई की तारीख नियत की है. जबकि दूसरा मामला अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय गैंगेस्टर) कोर्ट नम्बर-4 में चल रहा है. इस मामले में भी गुरुवार को मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 आरोपियों पर गैंगेस्टर का आरोप तय हो गया. इस मामले में कोर्ट ने गवाही के लिए 29 जून की तारीख निर्धारित की है.
बताते चलें कि बाराबंकी की दो अदालतों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं. इन मामलों में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. गुरुवार को इन मुकदमो में आरोपियों पर चार्ज फ्रेम होने थे. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एक मामला अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय गैंगेस्टर) कोर्ट नम्बर-4 में था. इस मामले में सभी 12 आरोपी हाजिर हुए जबकि बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को चार्ज पढ़कर सुनाया और पूछा कि वह मामले में जुर्म इकबाल करना चाहता है या विचारण. इस पर मुख्तार अंसारी ने कहा कि वह ट्रायल चाहता है. लिहाजा अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय गैंगेस्टर) कोर्ट ने गवाही के लिए 29 जून की तारीख नियत कर दी. अधिवक्ता ने बताया कि दूसरा मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए कोर्ट) नम्बर-19 में है. इसमें भी सभी आरोपी उपस्थित हुए. इसमें भी मुख्तार समेत सभी आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में चार्ज फ्रेम हुए और कोर्ट ने गवाही के लिए 04 जुलाई की तारीख नियत की है.
ये था एम्बुलेंस मामला : 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को अपराध संख्या 369/21 पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 177, 506 आईपीसी और क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट एक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था.