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बाराबंकी: GST कलेक्शन में गिरावट को देखते हुए विभाग सतर्क, शुरू किया व्यापारियों का सर्वे - व्यापारियों का वेरिफिकेशन शुरू

यूपी के बाराबंकी में जीएसटी कलेक्शन में गिरावट और चोरी से परेशान वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों का वेरिफिकेशन शुरू किया है. विभाग व्यापारियों की बैठक कर उनको तमाम कायदे कानून के साथ-साथ पंजीकरण से होने वाले फायदों से भी अवगत करा रहा है.

वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों के साथ की बैठक

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Published : Nov 26, 2019, 9:40 AM IST

बाराबंकी:जिले में जीएसटी कलेक्शन में गिरावट और चोरी से परेशान वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों का वेरिफिकेशन शुरू किया है. यही नहीं विभाग ने जीएसटी के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों के पंजीकरण के लिए अभियान चलाया है. इसके तहत विभाग की विशेष टीमें पूरे जिले में घूम-घूमकर पंजीकृत और गैर पंजीकृत व्यापारियों का डेटा कलेक्ट कर रही हैं. विभाग व्यापारियों की बैठक कर उनको तमाम कायदे कानून के साथ-साथ पंजीकरण से होने वाले फायदों से भी अवगत करा रहा है.

जीएसटी कलेक्शन में गिरावट को देखते हुए विभाग सतर्क.

ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों का हो पंजीकरण
राजस्व बढ़ाने और जीएसटी में हो रही चोरी रोकने के लिए वाणिज्य कर विभाग पूरी तरह एक्टिव मोड़ में है. हाल ही में कई जगह बोगस बिलिंग और फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम के मामलों का खुलासा होने पर जिले का वाणिज्य कर विभाग भी सतर्क हो गया है. इसी को लेकर विभाग ने अभियान शुरू किया है. विभाग व्यापारियों के साथ बैठक कर उनको नए नियमों से भी अवगत करा रहा है.

जिले में महज नौ हजार व्यापारी गुड्स एंड सर्विस टैक्स से पंजिकृत हैं, जबकि विभाग का मानना है कि जीएसटी के दायरे में और भी व्यापारी आ सकते हैं. सरकार ने ऐसे व्यापारियों का जीएसटी के तहत पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है, जिनका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये या इससे ज्यादा है. विभाग की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों का पंजीकरण किया जाय ताकि उनको सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके.

इस सर्वे से व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति
व्यापारियों का मानना है कि विभाग को जीएसटी को लेकर लोगों में जनजागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि व्यापारी इससे होने वाले लाभ से अवगत हो सकें. व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी को लेकर आये दिन नए-नए नियम बन रहे हैं, जिससे व्यापारी अपडेट नहीं हो पा रहे हैं. इनकी मांग है कि विभाग को इन बदलावों से अपडेट कराते रहना चाहिए.

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