उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

By

Published : May 19, 2019, 4:55 AM IST

ETV Bharat / state

बाराबंकी : साढ़े चार करोड़ के एमडीएम घोटाले में बीएसए का क्लर्क गिरफ्तार, 21 लाख बरामद

पांच महीने पहले शासन में बैठे अधिकारियों के होश उड़ा देने वाले बाराबंकी के सबसे बड़े एमडीएम घोटाले के एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी बीएसए कार्यालय का हेड क्लर्क है. इसकी निशानदेही पर इसके घर से घोटाले के करीब 21 लाख रुपये बरामद किए हैं.

एसपी अजय साहनी जानकारी देते हुए.

बाराबंकी : जिले में पांच महीने पहले एमडीएम में मिल रही गड़बड़ियों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने बीएसए वीपी सिंह को जांच करने के निर्देश दिए थे. बीएसए द्वारा जब इसकी गुप्त रूप से जांच शुरू की तो वो हैरान रह गए. साढ़े चार करोड़ रुपयों के घोटाले का मामला सामना आया.

मीडिया से बात करते एसपी अजय साहनी.

क्या है मामला

  • एमडीएम के जिला समन्वयक राजीव शर्मा ने अपने साथी रहीमुद्दीन के साथ मिलकर यह सारी रकम स्कूल के खातों में भेजने की बजाय निजी और अपने चहेतों के खातों में भेज कर हड़प कर ली.
  • बीएसए ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 29 दिसम्बर को मुकदमा दर्ज कराकर दो मुख्य आरोपियों राजीव शर्मा और रहीमुद्दीन को जेल पहुंचा दिया था.
  • सबसे बड़ी हैरानी तो यह कि एमडीएम जिला समन्वयक राजीव शर्मा की संविदा समाप्त हो गई थी बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा उससे काम लिया जाता रहा.
  • इस मामले का सहअभियुक्त रहीमुद्दीन तो कार्यालय में अवैध रूप से काम करता रहा और तत्कालीन अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया.
  • कम्प्यूटर के एक्सपर्ट आरोपी रहीमुद्दीन ने बड़ी ही शातिराना ढंग से एमडीएम का 3 करोड़ 38 लाख रुपया अपने खाते में , 50 लाख रुपया अपनी प्रेमिका रोज सिद्दीकी के खाते में, 42 लाख रुपया अपनी दूसरी महिला मित्र साधना के खाते में इसके अलावा 11 लाख रुपया रघुराज के खाते में ट्रांसफर कर लिया.
  • पुलिस ने इस घोटाले की जांच साइबर सेल और क्राइम ब्रांच को सौंपी.
  • विवेचना के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात हेड क्लर्क अखिलेश कुमार शुक्ला को क्राइम ब्रांच ने शनिवार को कार्यालय के गेट से गिरफ्तार कर लिया.
  • इसकी निशानदेही पर इसके घर नगर कोतवाली के आजादनगर मोहल्ले से एमडीएम घोटाले के करीब 20लाख 98 हजार 670 रुपये बरामद कर लिए.

एमडीएम में कन्वर्जन कास्ट स्कूलों को भेजने के लिए कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है. कई चरणों से होकर स्कूल खातों में भेजी जाने वाली कन्वर्जन कास्ट बिना और भी लोगों की मिलीभगत से निजी खातों में नही भेजी जा सकती. सबसे पहले शासन से मिली धनराशि कोषागार में भेजी जाती है फिर खण्ड शिक्षाधिकारियों की डिमांड पर विद्यालयवार राशि एमडीएम खातों में भेजे जाने के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी से परीक्षण कराना होता है. इतने चरणों से गुजरने के बाद भी निजी खातों में पैसा जाता रहा और किसी को पता न चला.

अभी भी इस घोटाले से जुड़े कई लोग पुलिस के रडार पर हैं. विवेचना चल रही है जल्द ही इसमें संलिप्त और लोग भी पुलिस गिरफ्त में होंगे.

- अजय साहनी , पुलिस कप्तान, बाराबंकी

ABOUT THE AUTHOR

...view details