बाराबंकी:ऐतिहासिक देवा मेला में मंगलवार की शाम गायक जावेद अली के नाम रही. "गजनी","जोधा अकबर","बजरंगी भाई जान" और "पुष्पा" फिल्मों में गाने गाकर धूम मचा चुके फेमस प्लेबैक सिंगर जावेद अली ने जब देवां के ऑडिटोरियम में अपने गायकी से समां बांध दिया. दर्शक उनके गानों पर झूम उठे. देवां मेला का म्यूजिक कांफ्रेंस का कार्यक्रम सबसे मशहूर माना जाता है. लिहाजा इस कार्यक्रम को देखने के लिए कानपुर, लखनऊ समेत सूबे के तमाम जिलों लोग पहुंचते हैं.
जावेद के गानों पर जमकर झूमें दर्शक: यही वजह रही कि मंगलवार की शाम ऑडिटोरियम ही नहीं उसके आसपास जबरदस्त भीड़ रही. तय समय से एक घण्टे देर से शुरू हुए प्रोग्राम के बावजूद जैसे ही जावेद अली अपने अंदाज में स्टेज पर पहुंचे. तो पूरा ऑडिटोरियम हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. उसके बाद जावेद ने गजनी फ़िल्म में अपने गाए गाने "है गुजारिश..." से कार्यक्रम की शुरुआत की. जिसपर जमकर युवा झूमे. उसके बाद जावेद ने फ़िल्म जोधा अकबर का गाना "जश्ने बहारा..सुनाया, तो पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. उसके बाद तो बजरंगी भाई जान का "तू जो मिला...गाया तो लोग वाह-वाह कहने पर मजबूर हो गए. फिर तो जावेद ने एक से एक गाने सुनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया.
कौमी एकता के चलते ही हमारा मुल्क बनाःवहीं, कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जावेद ने कहा कि गीत-संगीत के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ने के लिए महज टेक्नोलॉजी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. बल्कि हर रोज रियाज करना बहुत जरूरी है. यह कहना है बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर जावेद अली का. जावेद अली मंगलवार की रात बाराबंकी के देवां मेला में समां बांधने पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए अपने देश की कौमी एकता की तारीफ की. जावेद अली ने कहा कि हमें गर्व है कि हम सभी लोग एक-दूसरे का त्योहार मिलजुल कर मनाते हैं. यही वजह है कि हमारा देश अखंड भारत कहा जाता है.
पुराना गीत-संगीत हो रहा गायब: सौ साल से भी ज्यादा वक्त से गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बन चुके बाराबंकी के देवां शरीफ पहुंचे मशहूर प्लेबैक सिंगर जावेद अली ने पहले महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की मजार पर चादर चढ़ाई. इस दौरान उन्होंने एक सूफी कलाम भी गाया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के मौजूदा दौर में दिनों-दिन संगीत अच्छा आ रहा है. गीत-संगीत की क्वालिटी बढ़ रही है, लेकिन इसी के साथ उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा जब नया संगीत आता है, तो पुराने अच्छे गीत-संगीत दब जाते हैं.
युवा हर रोज करे रियाज: वहीं, गीत-संगीत में करियर बनाने के उत्साहित युवाओं को मशवरा देते हुए जावेद अली ने कहा नई-नई तकनीकें आ गई हैं. तकनीकों का प्रयोग करें, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है रेगुलर प्रैक्टिस और रियाज. देश की संस्कृति की तारीफ करते हुए जावेद अली ने कहा कि हमारा मुल्क सबसे अनोखा है, यहां हम सब मिलकर एक दूसरे के त्योहार मनाते हैं और इसीलिए इसे अखंड भारत कहा जाता है.