बाराबंकी: आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच हो रहे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों को भारतीय जनता पार्टी बड़े ही गंभीरता से लड़ने जा रही है. यही वजह है कि पार्टी ने बहुत ही सोच-समझकर जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. राजधानी से सटे बाराबंकी जिले में भाजपा ने अनुभवी और पूर्व विधायक राजरानी रावत पर दांव लगाया है. हालांकि अभी तक सपा ने पत्ते नही खोले हैं, लेकिन राजरानी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.
भाजपा ने राजरानी रावत पर लगाया दांव
आपको बता दें, 57 सदस्यीय बाराबंकी जिला पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. लखनऊ के करीब होने के चलते बाराबंकी सीट पर सभी दलों की निगाहें रहती है. यही वजह रही कि अपना उम्मीदवार तय करने में भाजपा को गहन विचार विमर्श करना पड़ा. पार्टी में इस सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर कई लोग दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने अनुभवी और पूर्व विधायक राजरानी रावत को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
कौन हैं राजरानी रावत
राजरानी रावत निन्दूरा ब्लॉक के सैंदर गांव की रहने वाली हैं. इनके पति राजकरन रावत रिटायर्ड को-ऑपरेटिव बैंक मैनेजर हैं. 56 वर्षीय राजरानी रावत इंटर पास हैं. वर्ष 1995 में राजनीति में उतरी. राजरानी ने 1995 में पहली बार निन्दूरा प्रथम से डीडीसी का चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें जबरदस्त कामयाबी मिली.
1996 में विधानसभा की बनी उम्मीदवार
साल 1996 में भाजपा ने राजरानी रावत को फतेहपुर विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन ये महज 527 वोटों से चुनाव हार गई. इसके बाद साल 2000 में निन्दूरा तृतीय से उन्होंने डीडीसी का चुनाव जीता. जिसके बाद साल 2002 में फतेहपुर विधानसभा से 17 हजार वोटों से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल कर पहली बार विधायक बनीं. फिर साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजरानी रावत फिर अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह बसपा उम्मीदवार मीता गौतम से चुनाव हार गईं.
हालात बदले तो भाजपा छोड़ सपा में हुईं शामिल
राजनीतिक हालात बदले तो राजरानी रावत ने भाजपा छोड़ दी और साल 2012 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई. उस वक्त जिले की सपा राजनीति में चल रही उठापटक का उनको फायदा मिला और सपा ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामसागर का टिकट काटकर राजरानी को लोकसभा उम्मीदवार बना दिया. 2014 के लोकसभा चुनाव में राजरानी रावत भाजपा की प्रियंका सिंह रावत से चुनाव हार गईं.
अप्रैल 2019 में फिर हुई 'घर वापसी'
लोकसभा चुनाव हारने के बाद राजराजनी रावत नजदीकियां फिर भाजपा में बढ़ी और 17 नवम्बर 2019 को इनकी फिर घर वापसी हो गई. उसके बाद ये पार्टी के हर कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने लगी. हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा ने इन्हें फिर निन्दूरा चतुर्थ से अपना जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनाया और जीत हासिल की.