बाराबंकी: परंपरागत मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने "विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना" चलाई है. इस योजना के तहत शुक्रवार को 32 कारीगरों और दस्तकारों को टूल किट प्रदान किए गए. शुक्रवार को मेले के पांचवें दिन उद्योग विभाग के कार्यक्रम में लोगों को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री सुरेश पासी ने योजना के तहत चयनित कारीगरों को टूल किट वितरित किये.
"विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना" के तहत लाभार्थियों को मिला टूलकिट. "विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना "
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सभी परम्परागत मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए "विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना " चलाई जा रही है.कारीगरों और दस्तकारों को श्रम विभाग द्वारा उनके हुनर निखारने के लिए निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है.
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लाभार्थियों को मिला टूल किट
इस योजना के तहत राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई और मोची जैसे पारम्परिक कारोबारियों की हस्तकला को प्रोत्साहित किया जाता है. ट्रेनिंग पूरी होने पर इनको टूल किट दिया जाता है. उसी क्रम में शुक्रवार को बढ़ई का काम करने वाले 25 और नाई का काम करने वाले 7 कारीगरों को राज्यमंत्री सुरेश पासी के हाथों टूल किट प्रदान किए गए. कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम, उद्योग विभाग के उपयुक्त उमेश कुमार, उपयुक्त स्वतः रोजगार सुनील कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी और बीएसए समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे.