बाराबंकी: जिले के पुलिस अधीक्षक ने एक अनोखी पहल की है. पुलिस अधीक्षक ने 'मधुमक्खी वाला' निमित सिंह के साथ मिलकर ग्रामीण अंचलों के ऐसे लोगों को मधुमक्खी पालन के रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम शुरू की है जो रोजगार न होने से अवैध धंधों में लिप्त हैं. इसके लिए निमित सिंह सभी थानों और चौकियों पर जाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं. इसके लिए थानों में भी मधुमक्खी पालन होगा, जिसके देख रेख की जिम्मेदारी चौकीदारों को सौंपी गई है.
बाराबंकी: पुलिस थानों और चौकियों में मधुमक्खी पालन का दिया जा रहा प्रशिक्षण
बाराबंकी जिले के पुलिस चौकियों और थानों में इन दिनों मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार ने 'मधुमक्खी वाला' निमित सिंह को थानों और चौकियों में लोगों को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी है. पुलिस अधीक्षक का मानना है कि इससे न केवल थाने स्वावलम्बी होंगे बल्कि थाने में रहने वाले स्टाफ को शुद्ध शहद मिलेगा.
पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार चतुर्वेदी निमित सिंह से मिलकर उनके कारोबार से इतने प्रभावित हुए थे कि हर थाने चौकी में मधुमक्खी पालन का फैसला किया. पुलिस अधीक्षक का मानना है कि इससे न केवल थाने स्वावलम्बी होंगे बल्कि थाने में रहने वाले स्टाफ को शुद्ध शहद मिलेगा. साथ ही इसकी अर्निंग से एक फंड भी तैयार होगा जो थाने के मेंटनेंस के काम आएगा.
इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने निमित से जिले के सभी 23 थानों का सर्वे कर मधुमक्खी बॉक्स लगाने की उपयुक्त वातावरण जानने के लिए कहा. जिससे उन थानों में मधुमक्खी बॉक्स लगाए जा सकें. यही नहीं पुलिस लाइन ग्राउंड में उन्होंने 10 बॉक्स रखवाने का फैसला किया है. सर्वे के बाद अब चौकीदारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. अगले चरण में थानों और चौकियों पर मधुमक्खी बॉक्स लगाए जाएंगे.
इन दिनों निमित सिंह जिले के चौकीदारों को मधुमखी पालन की बारीकियों से अवगत करा रहे हैं. जिससे यह लोग मधुमक्खी पालन कर खुद भी रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर हों और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर सकें. हर थानों पर मधुमक्खी पालन की योजना है जिसकी जिम्मेदारी इन चौकीदारों को सौंपी गई है. मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण ले रहे चौकीदारों में खासा उत्साह है. इनका कहना है कि इससे उनके थानों को तो लाभ होगा ही साथ ही उन्हें भी लाभ होगा. यही नहीं वह अपने इलाके के बेरोजगार लोगों को इस रोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित भी करेंगे.
कौन हैं निमित सिंह
मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले 29 वर्षीय निमित सिंह ने वर्ष 2014 में अन्ना मलाई यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली. निमित ने इंजीनियरिंग की डिग्री तो ले ली लेकिन नौकरी की बजाय लीक से अलग हटकर कुछ नया करने की ठानी, लिहाजा उन्होंने हनी बी फार्मिंग का मन बनाया. जब इन्होंने अपने पिता लखनऊ के मशहूर शल्य चिकित्सक डॉ केएन सिंह से अपने स्टार्ट-अप को शेयर किया तो पिता एक हैरान हुए लेकिन बेटे के आत्मविश्वास को देखकर उन्होंने निमित को हौसला दिया. उसके बाद निमित ने अपने एक दोस्त राजीव मिश्र के साथ मिलकर "रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग" नामक एक सोसाइटी बनाई.
मधुमक्खियों और शहद पर किया शोध
सोसाइटी बनाने के बाद निमित ने पूरे वर्ष भर में होने वाले पेड़-पौधों और उनसे निकलने वाले शहद की गहन स्टडी की. इसके बाद उन्होंने पहले सीतापुर और फिर लखनऊ में यूनिट लगाई और मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. जल्द ही इनकी रॉयल हनी कम्पनी का उत्पादन बढ़ने लगा और धीरे-धीरे इन्होंने कई प्रयोग किये जिसका नतीजा है कि इन्होंने शहद के आठ फ्लेवर तैयार कर डाले. जिसमें नीम, सरसों, अजवाइन, जामुन, यूकेलिप्टस, आम, लीची और फूलगोभी फ्लेवर के शहद तैयार करते हैं. यही नहीं शहद निकालने के बाद बचे मोम के भी प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं जैसे बी वैक्स क्रीम, बी वैक्स सोप और बी वैक्स कैंडल.
युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दे रहे ट्रेनिंग
निमित की कम्पनी प्रगतिशील किसानों और इस क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं को एक हफ्ते की विशेष ट्रेनिंग भी देती है. साथ ही इच्छुक लोगों की मांग पर सस्ते दर पर मधुमक्खी के डब्बे भी लगाती है. जल्द ही लखनऊ की तर्ज पर जिले की फतेहपुर तहसील के बिशुनपुर में इनकी फैक्ट्री शुरू हो रही है. जहां काम चल रहा है.