बाराबंकी: हमारा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. आजादी के इस अमृत महोत्सव को लेकर हर कोई उत्साहित है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने तो इसे बहुत ही खास बनाने की ठानी है. हर घर में तिरंगा फहराने की मंशा लेकर यह महिलाएं हमारे आन, बान और शान के प्रतीक तिरंगे झंडे को तैयार कर रही हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तिरंगे झंडे को बनाने में मशगूल हैं. राष्ट्रध्वज बनाने को लेकर इन महिलाओं में गजब का उत्साह है.
मिशन शक्ति अभियान में जहां महिलाओं को घर की दहलीज से निकलकर बाहर आकर काम करने में आत्मविश्वास बढ़ाया है तो वहीं, आजादी के अमृत महोत्सव ने इनमें आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ राष्ट्रवाद बढ़ाने का मौका दिया है. तिरंगे को बनाकर यह महिलाएं न केवल स्वावलंबी बन रही हैं. बल्कि, इनमें देशप्रेम का जस्बा भी बढ़ रहा है. राष्ट्रध्वज बनाकर यह अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.
बाराबंकी: 'आजादी के अमृत महोत्सव' को खास बनाने में जुटी स्वयं सहायता समूह की यह महिलाएं
पीएम मोदी की हर घर में तिरंगा की मंशा के अनुरूप जिले में साढ़े पांच लाख तिरंगे झंडे तैयार किये जा रहे हैं. इनमे राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़े 56 समूहों की करीब एक हजार महिलाएं ही अकेले 1 लाख 35 हजार राष्ट्रीय ध्वज बनाने में जुटी हैं.
पीएम मोदी की हर घर में तिरंगा की मंशा के अनुरूप जिले में साढ़े पांच लाख तिरंगे झंडे तैयार किये जा रहे हैं. इनमें राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़े 56 समूहों की करीब एक हजार महिलाएं ही अकेले 1 लाख 35 हजार राष्ट्रीय ध्वज बनाने में जुटी हैं.
एनआरएलएम के उपायुक्त का कहना है कि, यह महिलाएं जब अपने हाथ से बने तिरंगे को लहराते देखेंगी, तो उनमें वहीं, जोश दिखेगा जो आजादी के वक्त दिखाई दिया था. उधर हर घर तिरंगा अभियान की कमान संभाल रही सीडीओ का मानना है कि, पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं ने काफी प्रगति की है. वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. हर घर तिरंगा अभियान ने उनमें स्वावलंब की भावना बढ़ाई है. तिरंगा झंडा बनाने से उन्हें रोजगार मिल रहा है. उनके हाथों का बना तिरंगा लोगों में राष्ट्रप्रेम बढ़ाएगा.निश्चय ही पहली बार ऐसा है जब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दोहरा लाभ हो रहा है. ऐसे में इनमें उत्साह होना लाजिमी है.
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