बाराबंकीः अमूमन शब-ए-बारात के मौके पर मुस्लिम संप्रदाय के लोग कब्रिस्तान पहुंचकर अपने-अपने पुरखों की कब्रों पर मोमबत्तियां और अगरबत्तियां जलाकर दुआएं मांगते हैं. कब्रिस्तानों में लाइटिंग की जाती थी. रात भर कब्रिस्तान पर लोगों का आना-जाना लगा रहता था. कब्रिस्तान में आवाजाही रहती थी लेकिन, शायद ये पहला मौका है जब बाराबंकी के कब्रिस्तानों में शब-ए-बारात पर सन्नाटा पसरा नजर आया.
बाराबंकी में पहली बार शब-ए-बारात पर कब्रिस्तान रहे वीरान - कब्रिस्तानों में दिखी वीरानी
इस बार शब-ए-बारात पर लॉकडाउन का पहरा रहा. ऐसा पहली बार हुआ जब बाराबंकी के कब्रिस्तान शब-ए-बारात पर वीरान रहे हों. एहतियात के तौर पर कब्रिस्तानों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.
कोरोना संकट के चलते चल रहे लॉकडाउन में लोगों से अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत और दुआएं करने की अपील की गई थी. लोगों को कब्रिस्तानों में जाने की मनाही थी, जिससे कि भीड़ न हो और संक्रमण न फैले. कब्रिस्तान पर भारी पुलिस बल तैनात रहा.
शब-ए- बारात पर लोग रात में इबादत करते हैं. कब्रिस्तानों में जाकर दुआएं मांगते हैं. शब-ए-बारात पर जहां कब्रिस्तान मोमबत्तियों की रोशनी, अगरबत्ती की खुशबू और लोगों की दुआएं पढ़ने से गुलजार रहता था, वहीं इस बार सन्नाटा पसरा नजर आया. लोगों के कब्रिस्तान पहुंचने से भीड़ न लग जाए. इसके लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा. नगर के कमरिया बाग, पैगम्बर बाग, कर्बला और पैसार स्थित कब्रिस्तानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा.