बाराबंकी : कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने और उसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दिए जाने को कांग्रेस पार्टी ने मुद्दा बना लिया है. इसी के बहाने पदाघिकारी आम जनता के बीच जाकर लोगों को भाजपा सरकार पर साजिश किए जाने का आरोप लगा रहे हैं. पार्टी ने इस अभियान को "डिस्क्वालिफाइड डेमोक्रेसी" नाम दिया है. उसी कड़ी में शुक्रवार को कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना बाराबंकी पहुंची. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी से डरते हैं और यही वजह है कि राहुल गांधी द्वारा पूछे जा रहे सवालों से बचने के लिए उनके ऊपर ये कार्रवाई की गई है.
आराधना मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में तीन सवाल किए थे. अडानी और प्रधानमंत्री मोदी का रिश्ता क्या है. 20 हजार करोड़ रुपया किसका है और यह शेल कम्पनियां किसकी थीं, लेकिन सरकार की तरफ से एक का भी जवाब नहीं मिला. उन्हीं सवालों को लेकर कांग्रेस पार्टी जन जन तक पहुंच रही है. आराधना मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा बार बार पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तानाशाह होने का आरोप लगाया. जवाब न देना तानाशाही रवैया है. जिस तरह हिटलर, मुसोलिनी और गद्दाफी करते थे कि सवाल पूछने वाले के साथ ऐसा कर दो कि वह उस हैसियत में ही न रहे. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के पीछे उन्होंने तानाशाही रवैया और भाजपा की साजिश बताया.
Barabanki News : राहुल गांधी के सवालों से डरी केंद्र सरकार ने की कार्रवाई : मोना मिश्रा
15:42 April 01
मोना मिश्रा ने कहा कि इससे भी गंभीर मामलों पर भाजपा के कुछ सदस्यों को एक वर्ष की ही सजा दी गई. जबकि राहुल गांधी को दो वर्ष की. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से न्यायालय पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि यह दोहरा मानदंड क्यों. राहुल गांधी के ऊपर की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई को उन्होंने भाजपा की साजिश बताया. विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी से भाजपा डरती है. खासकर प्रधानमंत्री मोदी. यही वजह है कि राहुल गांधी द्वारा पूछे जा रहे सवालों से बचते हुए ये कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार इन सवालों को तब तक पूछती रहेगी जब तक अडानी और पीएम मोदी के रिश्ते उजागर नहीं हो जाते. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी किसी भी कार्रवाइयों से डरने वाली नहीं है. उनकी पार्टी देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में लगातार लड़ती रहेगी. कांग्रेस पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता खामोश नहीं बैठेगा.