बाराबंकी:मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही चर्चित एम्बुलेंस की छानबीन बाराबंकी पुलिस ने शुरू कर दी है. इस एम्बुलेंस के रजिस्ट्रेशन में किन किन लोगों ने सहयोग किया था. उनकी पड़ताल की जा रही है. शनिवार को बाराबंकी पुलिस इस मामले के एक आरोपी को लेकर एआरटीओ कार्यालय पहुंची और छानबीन शुरू की. छानबीन के दौरान कार्यालय में हड़कंप मच गया. पुलिस आरोपी को कार्यालय के कई पटलों पर ले गई और पहचान करने को कहा, लेकिन आरोपी ये कहता रहा कि वो कभी भी इस कार्यालय में आया ही नहीं.
फर्जी दस्तावेजों के सहारे हुआ था पंजीकरण
मुख्तार अंसारी मामले में बरामद हुई एम्बुलेंस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी में पंजीकृत कराई गई थी. इस मामले में मऊ निवासी डॉ. अलका राय के खिलाफ नगर कोतवाली क्राइम नंबर 369/21 पर 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
विवेचना के आधार पर बढ़ाये गए नाम
जांच करने मऊ गई पुलिस टीम की विवेचना के आधार पर श्याम संजीवनी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की डॉ. अलका राय उनके सहयोगी डॉक्टर शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव व अन्य के नाम इस आपराधिक षड्यंत्र में कूट रचित दस्तावेज तैयार कराने में प्रकाश में आया था. जिन्होंने दबाव बनाकर प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कराया और आपराधिक षड्यंत्र कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी करते हुए विधिविरुद्ध उपयोग हेतु उक्त वाहन को खरीदा. यही नहीं उसका पंजीकरण कराकर उसका गलत इस्तेमाल किये जाने के आपराधिक कृत्य एवं अवैध पंजीयन के बावजूद अपने कब्जे में रखकर एम्बुलेंस का संचालन किया. इस मामले मे विवेचना के आधार पर धारा 120 बी, 506, 177 आईपीसी और 07 क्रिमिनल ला एमेंडमेंट ऐक्ट की बढोत्तरी की गई थी.