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मुख्तार अंसारी को एक और झटका, बाराबंकी कोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट हटाने की मांग की खारिज

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Published : Jun 5, 2023, 10:31 PM IST

बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई. इस दौरान कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की ओर से गैंगेस्टर एक्ट से आरोप मुक्त करने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.

बांदा जेल
बांदा जेल

बाराबंकी: बांदा जेल में बंद बाहुबली और माफिया मुख्तार अंसारी के लिए सोमवार का दिन ब्लैक डे साबित हुआ. एक तरफ जहां वाराणसी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं, बाराबंकी की अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय एमपी एमएलए) ने भी मुख्तार अंसारी की ओर से गैंगेस्टर एक्ट से आरोप मुक्त करने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. इस मामले में मुख्तार की वर्चुअली पेशी हुई थी. कोर्ट ने चार्ज फ्रेम करने के लिए अगली तारीख 9 जून नियत की है.


बता दें कि बाराबंकी की विशेष अदालत एमपी एमएलए कोर्ट नंबर 4 पर मुख्तार अंसारी का मुकदमा चल रहा है. पूर्व की पेशी पर मुख्तार अंसारी, मोहम्मद शुऐब मुजाहिद और आनंद यादव के अधिवक्ताओं द्वारा गैंगेस्टर के आरोप से मुक्त करने का प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिस पर कोर्ट में बहस की गई. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिए गए थे कि गैंगेस्टर एक्ट नहीं बनता है. बहस के बाद कोर्ट ने आदेश के लिए 5 जून की तारीख नियत की थी. लिहाजा सोमवार को कोर्ट ने आरोपियों के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अगली तारीख 9 जून नियत की है. अगली पेशी पर मुख्तार अंसारी समेत इस मामले के सभी आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किया जाएगा.



एडीजीसी क्रिमिनल मथुरा प्रसाद ने बताया कि मुख्तार अंसारी, मोहम्मद शुऐब मुजाहिद और आनंद यादव के अधिवक्ताओं द्वारा आरोप से मुक्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिए गए थे. जिसकी सुनवाई विगत तारीख पेशी पर हुई थी. आदेश के लिए 5 जून की तारीख नियत थी. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए चार्ज बनाये जाने के लिए 9 जून की तारीख मुकर्रर की है.


बता दें कि 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. पुलिस की छानबीन में पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को अपराध संख्या 369/21 पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 177, 506 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट ऐक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था.

पुलिस की छानबीन में मुख्तार अंसारी की संलिप्तता पाई गई. इसके बाद मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार अंसारी का नाम भी बढ़ाया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 12 आरोपी सामने आए. जिनमे मुख्तार अंसारी, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा, सलीम, मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए. इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं. इस मामले में गैंगेस्टर की भी कार्रवाई की गई थी.


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