'मिड डे मील' घोटाले में कोर्ट का फैसला, 7 दोषियों को 10-10 साल का कारावास - मिड डे मील घोटाला में सजा
बाराबंकी 'मिड डे मील' घोटाले में साढ़े 4 साल बाद जिला और सत्र न्यायाधीश ने दोषियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने कठोर कारावास के साथ ही 7 दोषियों पर कुल 5 लाख 40 हजार का जुर्माना भी लगाया.
Barabanki Mid Day Meal
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Published : Apr 21, 2023, 6:54 AM IST
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Updated : Apr 21, 2023, 7:21 AM IST
बाराबंकीःजिले में साढ़े चार साल पहले हुए 'मिड डे मील' घोटाले में गुरुवार को जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया. करीब 4.5 करोड़ के घोटाले में सभी 7 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा कुल 5 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह फैसला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-2 अनिल कुमार शुक्ल ने सुनाया.
बता दें कि इस घोटाले के खुलासे के बाद पूरे यूपी में हड़कंप मच गया था. घोटाले का मास्टरमाइंड बीएसए कार्यालय में तैनात मध्यान्ह भोजन का जिला समन्वयक था. इसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक गैंग बनाया और बच्चों के भोजन के लिए आये 4.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर उन्हें अपने खातों में ट्रांसफर कर गबन कर लिया था.
एडीजीसी क्रिमिनल सुनील दुबे ने बताया कि 29 दिसंबर 2018 को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे वीपी सिंह ने एमडीएम में घोटाले की तहरीर दी थी. वादी बीपी सिंह ने बताया था कि अभियुक्तों ने फर्जी तरीके से अभिलेखों में हेराफेरी कर कोषागार से धनराशि को अपने खातों में स्थानांतरित कर लिया. बीएसए की तहरीर पर नगर कोतवाली में लखनऊ के 2 अभियुक्त राजीव शर्मा और रहीमुद्दीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई.
एडीजीसी क्रिमिनल के अनुसार, राजीव शर्मा मध्यान्ह भोजन का जिला समन्वयक था और बीएसए कार्यालय में तैनात था. इसने अपने सहयोगी रहीमुद्दीन और दूसरे साथियों के साथ गैंग बनाकर अभिलेखों में हेराफेरी की. इसके बाद कोषागार से करीब 4.5 करोड़ रुपये अपने साथियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया. तत्कालीन विवेचक की जांच में दो महिला समेत 5 और नाम प्रकाश में आये.
इनमें लखनऊ के राजीव शर्मा, रहीमुद्दीन, रघुराज सिंह, असगर, रोज सिद्दीकी और साधना के अलावा बाराबंकी के अखिलेश कुमार शामिल थे. इन पर धारा 419/420/467/468/471/409/413/120बी आईपीसी के तहत न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 7 दोषियों को सजा सुनाई.