उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

महंगे शौक ने युवक को बनाया अपराधी, चचेरे भाई के साथ किया ऐसा

यूपी के बाराबंकी जिले में एक युवक ने अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए अपने चचेरे भाई का अपहरण कर लिया. फिरौती के 3 लाख रुपये न देने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी दी.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

By

Published : Nov 16, 2020, 8:31 PM IST

बाराबंकी:यूपी के बाराबंकी में महंगे शौक पूरे करने के लिए एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने 6 साल के चचेरे भाई का अपहरण कर लिया. फिरौती के 3 लाख रुपये न देने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी दी. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने खास ऑपरेशन चलाकर अपह्रत बच्चे को सकुशल बरामद किया. साथ ही अपहर्ताओं के गैंग को दबोच लिया.

जानकारी देते एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी.

गांव में खेलते समय बच्चे का हुआ अपहरण
12 नवंबर को बड़डूपुर थाना क्षेत्र के लिलौली गांव के रहने वाले राजमिस्त्री रघुराज के 6 वर्षीय पुत्र सुमित का अपहरण हो गया था. सुमित खेलने के लिए सुबह घर से निकला था, लेकिन रात तक वह वापस नहीं आया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. रात को रघुराज को एक फोन कॉल आई. इसमें उसके बेटे के अपहरण की जानाकरी देते हुए उससे तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी गई. उसे धमकी दी कि अगर फिरौती नहीं दी तो बच्चे को जान से मार दिया जाएगा.

परिजनों ने दर्ज कराया मुकदमा
घबराए परिजनों ने थाने में अपहरण का मुकदमा लिखाया, लेकिन डर और दहशत के चलते फिरौती की बात पुलिस को नहीं बताई. पुलिस बच्चे की तलाश में जुट गई. पुलिस को फिरौती मांगे जाने की खबर लगी तो पुलिस कप्तान ने दो टीमें गठित कर दीं. पुलिस ने बच्चे की सकुशल बरामदगी करने के साथ ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस टीमें हुईं सक्रिय
दोनों टीमों ने अलग-अलग काम शुरू किया. स्थानीय लोगों से मिली सूचना और डिजिटल डाटा एनालिसिस करने पर पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले. मनोवैज्ञानिक ढंग से पुलिस द्वारा बढ़ाई गई सक्रियता का असर रहा कि अपहर्ता बच्चे को गांव में अंधेरे में छोड़कर भाग निकले.

अपहर्ताओं को किया गिरफ्तार
बच्चे की सकुशल बरामदगी के बाद पुलिस टीमों ने अपहर्ताओं की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए. डिजिटल साक्ष्यों और घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस अपहर्ताओं तक पहुंच गई और सोमवार को अपहरण में शामिल लिलौली निवासी विमल, संजय और सुधीर को गिरफ्तार कर लिया. उस वक्त तीनों एक ही बाइक पर सवार होकर मौलाबाद गांव से रीवा-सीवां की तरफ आ रहे थे. चौथे अपहर्ता राहुल वर्मा को फतेहपुर कोतवाली के इसरौली के एक मोबाइल शॉप के सामने से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस को अभियुक्त विमल और संजय के पास से दो तमंचे और 4 कारतूस बरामद हुए हैं.

ये थी अपहरण की वजह
पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि विमल, संजय और सुधीर तीनों महाराष्ट्र के जलाना जनपद में स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे और 12 से 14 हजार रुपये हर महीने कमाते थे. इन रुपयों को वे महंगे शौक और दुर्व्यसनों पर खर्च करते थे. करीब साल भर पहले ये तीनों घर आ गए और फिर लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र वापस नहीं जा सके. महंगे शौक और फिजूलखर्ची को पूरा करने के लिए इनके पास जब रुपये नहीं रह गए तो इन्होंने ये साजिश रची.

सुधीर बच्चे का है चचेरा भाई
अभियुक्त सुधीर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने चेचेरे भाई 6 वर्षीय सुमित के अपहरण और फिरौती की योजना बनाई. योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए इन्होंने अपने मोबाइल शॉप करने वाले फतेहपुर के इसरौली के रहने वाले राहुल को योजना में शामिल किया और उसकी दुकान से बिना आईडी के एक सिम खरीदा.

अपहरण कर मांगी 3 लाख रुपये फिरौती
योजना के मुताबिक सुधीर और विमल बच्चे सुमित के पास गए और बहाने से उसे बाइक पर बैठा कर देवां थाने के मित्तई ले गए. सुमित अपने चचेरे भाई सुधीर को पहचानता था लिहाजा उसने कोई विरोध भी नहीं किया. उसके बाद विमल ने खरीदे गए सिम को अपने पुराने मोबाइल में लगाकर सुमित के पिता रघुराज को फोन किया और उन्हें अपहरण की जानकारी देते हुए 3 लाख की फिरौती मांगी.

संजय पुलिस की गतिविधियों की दे रहा था जानकारी
अभियुक्त संजय की लिलौली गांव में परचून की दुकान है. संजय लगातार पुलिस की गतिविधियों की जानकारी सुधीर और विमल को दे रहा था. पुलिस द्वारा अपनाए गए मनोवैज्ञानिक तरीके से संजय को लगा कि पुलिस सब कुछ जान गई है लिहाजा संजय ने सुधीर और विमल को ये बात बता दी जिससे घबराए दोनों अपहर्ताओं ने बच्चे को लाकर गांव के बाहर छोड़ दिया और फरार हो गए.

इसे भी पढ़ें-दिवाली की छुट्टी पर नहीं गए डॉक्टर, ये विभाग भी रहा अलर्ट

ABOUT THE AUTHOR

...view details