बाराबंकी: जिले में लूट के एक मामले में 33 वर्ष बाद फैसला आया है. इस दौरान मामले के दो आरोपियों और वादी की मौत भी हो चुकी है. बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश ने मामले के एक आरोपी को दोषी पाते हुए 3 वर्ष के कठोर कारावास और 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जबकि, मामले के एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया.
फतेहपुर थाना क्षेत्र के गुडौली गांव के रहने वाले वादी रामप्रताप ने 30 अक्टूबर 1989 को फतेहपुर थाने में तहरीर दी कि रात में जब वह परिवार के साथ खाना खाकर सोया था. घर में लालटेन जल रही थी. करीब डेढ़ बजे रात 3-4 आदमी दीवार फांदकर आंगन में उतरे और आवाज देकर घर का दरवाजा खुलवाया. इसके बाद हथगोला दागकर घर का सामान लूटने लगे. प्रतिरोध किया तो उसे लाठी से मारा. उसके लड़के ने किसी तरह घर से बाहर निकलकर शोर मचाया तो गांव के लोग घरों से बाहर आ गए. इस पर बदमाश घर से तमाम जेवरात, नकदी आदि सामान लेकर भाग निकले. बदमाशों को वादी ने टार्च की रोशनी में पहचान लिया. वादी की तहरीर पर फतेहपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 394 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.