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12 वर्ष पहले शुरू की गई किसानों की ये पहल अब बन गई है मिसाल

बाराबंकी में पिछले 12 सालों से किसान यूनियन सामूहिक विवाह और निकाह कार्यक्रम (Mass marriage and nikah in barabanki) का आयोजन कर रहा है. इस कार्यक्रम अन्य जिलों से आकर लोग वर-वधुओं को आशीर्वाद देना अपना सौभाग्य मानते हैं. किसानों की यह पहल अब समाज के लिए मिसाल बन गई है.

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किसान यूनियन सामूहिक विवाह और निकाह

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 9:59 PM IST

जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन अनुपम वर्मा ने दी जानकारी

बाराबंकी: पिछले 12 वर्षों से लगातार सामूहिक विवाह और निकाह कार्यक्रम का भव्य आयोजन कर बाराबंकी किसान यूनियन ने अनोखी मिसाल कायम की है. हर वर्ष किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की याद में आयोजित होने वाले इस समारोह में इस बार 112 विवाह और एक निकाह एक ही मंडप में पूरे रस्मो रिवाज के साथ सम्पन्न कराए गए. खास बात ये है कि समाज के गरीब बेटे बेटियों के हाथ पीले कराने का बीड़ा उठाये किसान इतने बड़े आयोजन के लिए न तो कोई सरकारी मदद लेते हैं, और न ही किसी से कोई चंदा. जिले के किसान आपस में मिलजुलकर ये आयोजन करते हैं. इस अनोखे कार्यक्रम में जिले ही नहीं बाहर के लोग आकर वर-वधुओं को आशीर्वाद देना अपना सौभाग्य मानते हैं. भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने भी कार्यक्रम में शामिल होकर वर-वधु को आशीर्वाद दिया.

यूनियन के जिलाध्यक्ष रहे स्वर्गीय मुकेश सिंह वर्मा ने वर्ष 2012 से सामूहिक विवाह कराने का फैसला किया और फिर ये सिलसिला चल निकला. तब से ये सिलसिला बदस्तूर जारी है. यही नहीं उन्हीं की पहल पर किसानों ने रक्तदान करने का फैसला किया और हर महीने की 15 तारीख को यूनियन के किसान पिछले 10 सालों से ज्यादा समय से रक्तदान करते आ रहे हैं. यही वजह है कि जिले के सरकारी अस्पताल का ब्लड बैंक दूसरे जिलों की तुलना में काफी रिच है. यहां कभी भी कोई भी जरूरतमंद रक्त ले सकता है. सबसे बड़ी बात तो यह कि कुछ वर्षों पहले किसानों ने एक नई पहल की शुरुआत की.जिसके तहत नेत्रदान और अंगदान की शुरुआत हुई. जब भी कहीं कोई आपदा आती है तो किसान हर तरह से मदद करते हैं.

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हर वर्ष आयोजित होने वाले इस समारोह में दो महीने पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. किसान आपस में टीम बनाकर सहयोग करते हैं और विवाह के जोड़ों की लिस्ट फाइनल होती है. इसके बाद नगर के रामनगर तिराहे के पास स्थित नवीन मंडी में एक हफ्ते पहले से पंडाल लगने शुरू हो जाते हैं. यूनियन से जुड़ा हर किसान पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी को अंजाम देता है. वर और वधू पक्ष के लोगों को भोजन कराया जाता है. साथ ही वर-वधुओं को एक अलमारी, कुछ जेवरात और रोजमर्रा काम आने वाले गृहस्थी के सामान भी दिए जाते हैं.

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