बाराबंकीःजैव विविधता बनाए रखने और विलुप्त हो रहे पेड़ों की प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए बाराबंकी वन विभाग ने एक विशेष कार्यक्रम किया. इसमें एक घंटे के अंदर 30 अलग-अलग प्रजातियों के 360 पौधे रोपकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया. बीती 28 जुलाई को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एजेंसी के कंसल्टेंट समेत कई गवाहों की मौजूदगी में आयोजित हुए इस पौधरोपण को एजेंसी ने मान्यता देते हुए वन विभाग का नाम गिनीज बुक में दर्ज कर सर्टिफिकेट जारी कर दिया.
बाराबंकी वन विभाग ने किया कारनामा, गिनीज बुक में नाम दर्ज
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में वन विभाग ने एक घंटे के अंदर 30 अलग-अलग प्रजातियों के 360 पौधे रोपकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है.
विशेष प्रक्रिया से पौधरोपण
मसौली ब्लॉक के ग्राम सभा रसौली में बीती 28 जुलाई को पौधरोपण किया गया था. ठीक 10 बजे से 11 बजे के बीच 30 अलग-अलग प्रजातियों के 12-12 पौधे यानी कुल 360 पौधे वन विभाग के 30 कर्मचारियों द्वारा एक साथ रोपे गए थे. एविडेन्स की रिकार्डिंग के लिए चारों कोनों पर वीडियो कैमरे लगाए गए थे, जिन्होंने बिना रुके लगातार इस प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की थी. एक ड्रोन कैमरा ऊपर से लगातार पौधरोपण को रिकॉर्ड करता रहा. इस मौके पर दो स्वतंत्र गवाह भी मौजूद रहे. हर पौधरोपण की 15 कैमरों से फोटोग्राफी की गई. ये पूरी प्रक्रिया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड एजेंसी के कंसल्टेंट की निगरानी में हुई थी. यूपी के आठ जिलों में एक साथ हुए इस पौध रोपण की प्रक्रिया गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए की गई थी.
क्या है शासन की मंशा
जैव विविधता बनाए रखने और विलुप्त हो रहे पेड़ों की प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए वन विभाग ने अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज कराने की योजना बनाई थी. शासन द्वारा इसके लिए प्रदेश के आठ जिलों को चयनित किया गया था. इसमें बाराबंकी भी शामिल था. जिन जिलों को इसके लिए चयनित किया गया था वे हैं बाराबंकी, अयोध्या, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, चित्रकूट, बाँदा और गाजियाबाद .