बाराबंकी:जिले में एक किशोरी का अपहरण और रेप करने के मामले में जिला अदालत ने सात साल बाद बुधवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने मुख्य दोषी को 10 वर्ष की जेल और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं मामले के दो सह अभियुक्तों को कोर्ट ने 07-07 साल के कारावास की सजा और प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये जुर्माने लगाया. ये फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर-45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया.
विशेष लोक अभियोजक अजय सिंह सिसौदिया और मनीषा झा ने मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी वादी की 17 वर्षीय पुत्री को 05 नवम्बर 2015 की शाम करीब 06 बजे जब उसकी बेटी शौच के लिए गई थी. इसी दौरान संजय पुत्र संतराम अपने सगे भाई विक्रम के साथ उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया था. वादी ने 09 नवम्बर को जैदपुर थाने में 5 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
पुलिस ने संजय कुमार, विक्रम और उदयराज पुत्रगण संतराम, विद्यावती पत्नी संतराम और लाला उर्फ सुरेन्द्र कुमार इन पांचों के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट और संबंधित धाराओं में केस दर्ज जांच शुरू की थी. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य इक्टठा करते हुए विवेचना की. चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. इस दौरान विवेचना मामले में विभिन्न धाराओं में बढ़ाई गई. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए.
इस दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने अभियुक्त संजय कुमार को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जबकि अभियुक्त विक्रम एवं लाला उर्फ सुरेन्द्र कुमार को कोर्ट ने 07-07 वर्ष का कठोर कारावास और प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई लगाया. अभियुक्तगण उदयराज और विद्यावती पर आरोप साबित न होने पर उन्हें दोषमुक्त कर दिया.
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