बाराबंकी: दहेज में मोटरसाइकिल की मांग पूरी नहीं करने पर एक महिला की हत्या करने के मामले में उत्तरप्रदेश के बाराबंकी की एक अदालत ने तीन सगे भाइयों और उनकी मां को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट) नम्बर-36 राकेश ने सुनाया है. हत्या सात साल पहले की गई थी.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सुबेहा थाना क्षेत्र के आलापुर गांव निवासी वादी शिवकुमार मिश्रा ने 06 सितम्बर 2016 को अपनी बेटी की ससुराल वालों द्वारा दहेज हत्या किए जाने की रिपोर्ट असंदरा थाने में लिखाई थी. वादी शिवकुमार के मुताबिक उसने अपनी बेटी वन्दना की शादी असंदरा थाना क्षेत्र के पूरे मंशा राम दीवान मजरे पठकनपुरवा के रहने वाले राधेश्याम तिवारी के पुत्र रामशंकर के साथ की थी.
शादी के वक्त उसने अपनी हैसियत से ज्यादा दान दहेज दिया था. बेटी की ससुराल वालों ने मोटरसाइकिल के बदले 51 हजार रुपये नकद ले लिए थे. शादी के कुछ दिन बाद से ही बेटी की ससुराल वालों ने मोटरसाइकिल की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था. रक्षाबंधन पर जब बेटी घर आई थी तो उसने पूरी बात बताई थी.