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जातीय टिप्पणी के बाद 10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या, दो शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज - Islamia Inter College

बाराबंकी में एक 10वीं की छात्रा पर जातीय टिप्पणी कर उसका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था. जिसके चलते छात्रा ने आत्महत्या कर ली. इस मामले में कॉलेज की एक शिक्षिका और एक शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है.

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10वीं की छात्रा ने की खुदकुशी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 11:06 PM IST

बाराबंकी: जिले में एक इंटर कालेज की एक शिक्षिका और एक शिक्षक द्वारा कक्षा 10 वीं की छात्रा पर जातीय टिप्पणी कर उसका मानसिक उत्पीड़न करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मानसिक उत्पीड़न से परेशान इस छात्रा ने खुदकुशी कर ली. छात्रा की मां ने खुदकुशी के लिए कॉलेज की एक शिक्षिका और एक शिक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू कर दी है.

नगर कोतवाली के रमना घासीराम तालाब के पास रहने वाली नसरीन बानो ने बीती 17 अगस्त को नगर कोतवाली में नगर के अजीमुद्दीन अशरफ इस्लामिया इंटर कॉलेज की एक शिक्षिका वस्फी खातून और शिक्षक तौहीद के विरुद्ध एक लिखित तहरीर देकर अपनी बेटी का मानसिक उत्पीड़न करने आरोप लगाया था. जिसके चलते उसकी बेटी ने खुदकुशी कर ली. जब मुकदमा नहीं दर्ज हुआ तो पीड़िता ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई. एसपी के आदेश पर बुधवार को दोनों आरोपियो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

दरअसल, मृतका की मां नसरीन ने अपनी तहरीर में बताया कि उसकी दो बेटियां नगर के अजीमुद्दीन अशरफ इंटर कॉलेज में कक्षा 10 और कक्षा 7 की छात्राएं थीं. नसरीन का आरोप है कि 27 मई को कक्षा 10 में पढ़ने वाली उसकी बड़ी बेटी की टीचर वस्फी खातून ने उससे कहा कि 11 सौ रुपये फीस लेकर आना. 29 मई को उसकी बेटी फीस लेकर गई. 939 रुपये की उसको रसीद दी गई. इस पर उसकी बेटी ने विरोध करते हुए कहा कि जितने की रसीद है, उतने रुपये लीजिए. यह सुनकर टीचर ने उसे फटीचर कहकर भगा दिया. इसके बाद 23 जुलाई को अभिभावक अध्यापक एसोसिएशन के नाम पर 500 रुपये लिया. बदले में 360 रुपये की रसीद दी. इस बार भी बेटी ने विरोध किया तो फिर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. इस पर बिटिया के चाचा ने शिक्षिका से मिलकर अभद्र व्यवहार न करने का आग्रह किया. इन शिकायतों से टीचर वस्फी खातून बुरी तरह चिढ़ गई और मेरी बेटी को टारगेट कर उसके साथ अभद्र व्यवहार पर आमादा हो गई.

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मेरी बेटी ने घर मे रोते हुए बताया कि उसकी टीचर भरी क्लास में कहती थी कि तुम देहाती लोग गांव से आकर तेली, कबड़िया, जुलाहा की जगह खान ,पठान बन जाति हो. यह भी कहा कि आधार कार्ड में खान डलवाने से ऊंची जाति की नहीं बन सकती, अगर खान होती तो टीसी में बानो क्यों दर्ज होता. इसी महीने की 4 अगस्त को शिक्षिका ने फिर किसी मद के लिए पैसा मांगा तो बिटिया ने कहा हम पैसा नही दे पाएंगे. इस पर शिक्षिका भड़क गई और उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ती हो फिर भी सौ दो सौ में फकीरी सवार है. उसी दिन यानी 4 अगस्त को अभद्र व्यवहार के साथ होमवर्क को लेकर क्लास के बाहर खड़ा कर दिया. इसके बाद मेरी बेटी 4 अगस्त को ही स्कूल से घर आकर वस्फी टीचर की वजह से आत्महत्या कर ली.

नसरीन ने बताया कि इस मौत के दिन से कई दिनों तक स्कूल का तौहीद नाम का टीचर समाज मे अफवाह फैलाता रहा कि उसकी बेटी की दोस्ती किसी युवक से थी. नसरीन का आरोप है कि उसकी 14 साल की बेटी के चरित्र पर दाग लगाकर सामाजिक रूप से हमारे परिवार को शर्मिंदा किया जा रहा था. नसरीन ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी ने सुसाइड नोट में खान और बानो का मसला लिखते हुए प्रिंसिपल को सम्बोधित पत्र लिखा है. घटना के कई दिन बाद सुसाइड नोट पढ़ने को मिला. इस वजह से मौत की वजह में दुविधा बनी थी. बेटी की मौत की जिम्मेदार वस्फी मैम और तौहीद सर हैं. यह साफ होते ही कोतवाली नगर में 17 अगस्त को तहरीर दिया था. लेकिन, जब मुकदमा दर्ज न हुआ तो एसपी साहब से गुहार लगाई. इस मामले में जानकारी देते हुए नगर कोतवाल संजय मौर्या ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 306 आईपीसी का मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है.


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