बाराबंकी: जिले में एक इंटर कालेज की एक शिक्षिका और एक शिक्षक द्वारा कक्षा 10 वीं की छात्रा पर जातीय टिप्पणी कर उसका मानसिक उत्पीड़न करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मानसिक उत्पीड़न से परेशान इस छात्रा ने खुदकुशी कर ली. छात्रा की मां ने खुदकुशी के लिए कॉलेज की एक शिक्षिका और एक शिक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू कर दी है.
नगर कोतवाली के रमना घासीराम तालाब के पास रहने वाली नसरीन बानो ने बीती 17 अगस्त को नगर कोतवाली में नगर के अजीमुद्दीन अशरफ इस्लामिया इंटर कॉलेज की एक शिक्षिका वस्फी खातून और शिक्षक तौहीद के विरुद्ध एक लिखित तहरीर देकर अपनी बेटी का मानसिक उत्पीड़न करने आरोप लगाया था. जिसके चलते उसकी बेटी ने खुदकुशी कर ली. जब मुकदमा नहीं दर्ज हुआ तो पीड़िता ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई. एसपी के आदेश पर बुधवार को दोनों आरोपियो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
दरअसल, मृतका की मां नसरीन ने अपनी तहरीर में बताया कि उसकी दो बेटियां नगर के अजीमुद्दीन अशरफ इंटर कॉलेज में कक्षा 10 और कक्षा 7 की छात्राएं थीं. नसरीन का आरोप है कि 27 मई को कक्षा 10 में पढ़ने वाली उसकी बड़ी बेटी की टीचर वस्फी खातून ने उससे कहा कि 11 सौ रुपये फीस लेकर आना. 29 मई को उसकी बेटी फीस लेकर गई. 939 रुपये की उसको रसीद दी गई. इस पर उसकी बेटी ने विरोध करते हुए कहा कि जितने की रसीद है, उतने रुपये लीजिए. यह सुनकर टीचर ने उसे फटीचर कहकर भगा दिया. इसके बाद 23 जुलाई को अभिभावक अध्यापक एसोसिएशन के नाम पर 500 रुपये लिया. बदले में 360 रुपये की रसीद दी. इस बार भी बेटी ने विरोध किया तो फिर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. इस पर बिटिया के चाचा ने शिक्षिका से मिलकर अभद्र व्यवहार न करने का आग्रह किया. इन शिकायतों से टीचर वस्फी खातून बुरी तरह चिढ़ गई और मेरी बेटी को टारगेट कर उसके साथ अभद्र व्यवहार पर आमादा हो गई.