बाराबंकी:प्रशासन की तमाम अपीलों के बाद भी जिले में खेतों में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. मंगलवार को जिले के अलग-अलग गांवों में पराली जलाने के तीन मामले सामने आए, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तीनों मामले में एफआईआर दर्ज कराई. साथ ही जुर्माना भी लगाया.
दरअसल, बीते मंगलवार को जिले में खेतों में पराली जलाने का पहला मामला सामने आया था. वहीं बुधवार को तीन और मामले सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. पराली जलाने के इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और तीनों मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई. प्रशासन ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कटाई के दौरान किसान यंत्रों का प्रयोग करें ताकि पराली न निकले. यदि पराली निकलती भी है तो उसे सरकारी गो आश्रय स्थलों पर दान कर दें.
बता दें कि सैटेलाइट के जरिये बीते मंगलवार को पराली जलाने की मिली फोटो के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है. तहसील स्तर पर सचल दल और जनपद स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है. बुधवार को नवाबगंज तहसील की असैनी गांव की लेखपाल सोनल सिंह ने क्षेत्रीय भ्रमण किया. इस दौरान असैनी गांव में किसान सुरेश कुमार पराली जलाते हुए पाए गए. लेखपाल सोनल सिंह ने कृषि विभाग को इसकी जानकारी दी. सूचना पर कृषि रक्षा सहायक विकास अधिकारी के नेतृत्व में टीम गांव पहुंची. टीम ने किसान सुरेश कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराते हुए 2,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
इस दौरान लेखपाल को कुरौली, गोकुलपुर असैनी और धौकलपुर गांव में भी पराली जलाते किसान दिखे. कृषि विभाग की टीम ने कुरौली गांव के किसान सुखराना, गोकुलपुर के किसान बुद्धूलाल, धौकलपुर निवासी किसान रामलखन और असैनी गांव के किसान पुरुषोत्तम के खिलाफ 2,500 रुपये जुर्माना लगाया. साथ ही सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई.
जिलाधिकारी ने किसानों से की अपील
भ्रमण के दौरान प्रभारी जिलाधिकारी मेधा रूपम ने किसानों से अपील की कि किसान भाई अनुदान पर कृषि यंत्र खरीदें, जिनके प्रयोग से पराली नहीं निकलेगी. यही नहीं सात ग्राम पंचायतों में जहां यंत्र हैं, वहां से या फिर फार्म मशीनरी बैंक के पास भी ये यंत्र किराये पर ले सकते हैं. इन यंत्रों के प्रयोग से पराली नहीं निकलेगी और इससे जलाने की भी नौबत ही नहीं आएगी. उन्होंने अनुरोध किया कि अगर पराली निकलती है तो उसे जलाने के बजाय सरकारी गो आश्रय स्थलों में दान करें.