बाराबंकी: अपना घर-बार छोड़कर देश और समाज की रक्षा के लिए सरहद पर तैनात बाराबंकी का रहने वाला सेना का एक जवान वर्तमान सिस्टम से दुखी है. ड्यूटी से छुट्टी लेकर अपना पुश्तैनी कच्चा घर दुरुस्त कराने गांव आया, लेकिन गांव के दबंगों से हार गया. 20 दिन की पूरी छुट्टी अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने में ही बीत गई, लेकिन हुआ कुछ नहीं.
नहीं सुनी गई फरियाद
दबंगों का कहना है कि बाउंड्री के किनारे दो फिट का गैप छोड़ो. अपनी जमीन पर निर्माण नहीं करा पाने से दुखी फौजी अमरेंद्र ने समाधान दिवस, थाना दिवस समेत तमाम अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. फौजी ने कहा कि आश्वासन के सिवाय कोई कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक कि जिले के अधिकारियों के नाम से अमरेंद्र के कम्पनी कमांडर ने भी मदद करने के लिए पत्र लिखा था. इसी दौड़ भाग में उसकी छुट्टी खत्म हो गई और उसे फिर से एक हफ्ते की छुट्टी बढ़ानी पड़ी. अब गुरुवार को ये छुट्टी भी पूरी हो गई और शुक्रवार को दुखी मन से वो ड्यूटी पर लौट जाएंगे.
निकाला शांति मार्च
अमरेंद्र ने अपनी समस्या को लेकर वेटरन्स एसोसिएसन से भी फरियाद की. भूतपूर्व सैनिकों ने मिलकर अधिकारियों से इस फौजी की समस्या हल करने को कहा, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया. मजबूरन गुरुवार को वेटरन्स एसोसिएशन ने शांति मार्च निकाला, ताकि जिम्मेदारों को कुछ एहसास हो.