बाराबंकीः जिले के अधिवक्ताओं ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने को लेकर अपने सुझाव रखे. जिला बार हॉल में एक गोष्ठी के जरिए अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी राय रखी. जिन्हें बिंदुवार नोट किया गया है. जिला बार एसोसिएशन अधिवक्ताओं के सुझावों को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को भेजेगा.
भारतीय दंड प्रक्रिया में संशोधन. भारत सरकार जल्द ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), भारतीय दंड संहिता (IPC),भारतीय साक्ष्य अधिनियम(IEA) और एनडीपीएस एक्ट(NDPS ACT) में संशोधन करने जा रही है. लिहाजा सरकार द्वारा सभी स्टेट बार काउंसिल से राय मांगी गई है. उसी संदर्भ में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने सभी जिला बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर एक गोष्ठी के जरिए अधिवक्ताओं की राय लेकर भेजे जाने को पत्र लिखा था.
जिसको लेकर मंगलवार को बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन हॉल में गोष्ठी के जरिए अधिवक्ताओं की राय ली गई. अधिवक्ताओं ने इन ऐक्ट्स की विभिन्न धाराओं में संशोधन के लिए अपनी राय रखी. इस मौके पर जिला बार अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह, महामंत्री नरेंद्र वर्मा, उपाध्यक्ष प्रथम अशोक कुमार वर्मा, मनोज श्रीवास्तव समेत बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम का संयोजन और संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमीनउद्द्दीन ने किया.
इस मौके पर जिला बार के बृजेश दीक्षित, महेंद्र सिंह और भारत सिंह यादव जैसे कई पूर्व अध्यक्षों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ताओं और कई जूनियर अधिवक्ताओं ने कई धाराओं में संशोधन करने की बात रखी. वहीं तमाम अधिवक्ताओं ने कहा कि जिन धाराओं में संशोधन करने की मंशा सरकार की है. उन पर राय मांगी जानी चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता जुबैर अंसारी, संत शरण, मुचकुंद सिंह, देवी शरण गुप्ता, राकेश त्रिवेदी, संजय गुप्ता, सुरेश गौतम समेत तमाम वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी राय रखी. कार्यक्रम संयोजक अमीन उद्दीन ने बताया कि अधिवक्ताओं की ये राय बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को भेजी जाएगी.