लखनऊ:सिख समुदाय के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह के 353वें प्रकाश पर्व की धूम कई जहगों पर देखने को मिली. इस दौरान सिख सुदाय के लोगों ने शोभायात्रा निकाली. इस शोभायात्रा में कई करतब देखने को मिले, जो आकर्षण का केंद्र बने.
गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर निकाली गई शोभायात्रा. बाराबंकी में निकाली गई शोभायात्रा
सिखों के 10वें गुरु और खालसा सेना के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह का 353वां प्रकाश पर्व बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया. इस मौके पर नगर के गुरुद्वारा से एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई फिर गुरुद्वारे पर जाकर समाप्त हुई. शोभायात्रा में तमाम झांकियां शामिल हुईं.
इस दौरान गतका पार्टी ने जगह-जगह आग और तलवारबाजी के करतब दिखाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. पंच प्यारों के लिए सेवादार पूरे रास्ते सड़क पर झाड़ू लगाते हुए चलते रहे, जिस पर बच्चे फूल बरसा रहे थे. महिलाएं भी शबद-कीर्तन गाते हुए शोभायात्रा में शामिल हुईं. शोभायात्रा के दौरान कोई अनहोनी न हो इसके लिए पुलिस-प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क रहा. इस मौके पर सिख अनुयायियों ने लोगों को मिलजुलकर प्रेम से रहने का भी संदेश दिया.
अयोध्या में प्रकाशोत्सव की रही धूम
राम की नगरी अयोध्या में गुरु गोविंद सिंह के 353वें प्रकाशोत्सव की धूम रही. फैजाबाद शहर में निकली शोभायात्रा ने मानवता का अनोखा संदेश दिया. झांकी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया. भव्य शोभायात्रा में जहां बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग शामिल हुए, वहीं झांकी की एक झलक पाने के लिए शहरवासी आतुर दिखे.
इस दौरान प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. यह शोभायात्रा अयोध्या के फैजाबाद शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी. शहर के लोगों ने कई स्थानों पर इस शोभायात्रा का स्वागत किया. शोभायात्रा में हजारों की संख्या में सिख समाज के लोग शामिल रहे. इस विशाल शोभायात्रा में अयोध्या के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया. शोभायात्रा में स्कूली बच्चों ने देश के अलग-अलग प्रान्तों के मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए.
फतेहपुर में निकाली गई शोभायात्रा
गुरु गोविंद सिंह के 353वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में शनिवार को गुरुद्वारा से शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में शस्त्र और शास्त्र की परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिला. गुरुवाणी का प्रवाह, कलाबाजी और शस्त्रकला का प्रदर्शन करते बड़ी तादात में सिख युवक और सेवा कार्य में जुटे श्रद्धालुओं की गुरु के प्रति अटूट निष्ठा देखने लायक थी. शोभायात्रा के स्वागत में जगह-जगह फूल बरसाए गए और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया.
दोपहर एक बजे से गुरुद्वारा से शोभायात्रा निकाली. शोभायात्रा में सिख पंथ की वीरता के प्रतीक केसरिया निशान लहरा रहे थे. महिलाएं ढोलक की थाप पर गुरुवाणी पढ़ रही थीं. वहीं सेना के बैंड की धम-धम से वातावरण गुंजायमान रहा. केसरिया पगड़ी बांधे हाथ में तलवार लहराते सिख युवक अपनी शस्त्रकला का प्रदर्शन करते हुए यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे. पटेल चौराहे पर पंजाब के अमृतसर के अखाड़े से आए शास्त्र विद्या में निपुण सिख युवाओं के शौर्य प्रदर्शन और युद्ध कला देख सभी लोग आश्चर्यजनक रह गए.