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दहेज हत्या के मामले में पति को 10 वर्ष का कठोर कारावास, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में की थी शादी

09 फरवरी 2018 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अयोध्या में शादी हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज में अतिरिक्त सामान की मांग शुरू कर दी थी.

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Published : May 8, 2023, 8:41 PM IST

बाराबंकी: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अयोध्या में एक समूहिक कार्यक्रम में शादी करने के बाद दहेज में मोटरसाइकिल और सोने की चेन के लिए पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर डाली थी. इस मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने पति को दस वर्ष के कठोर कारावास और 14 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ) कोर्ट नम्बर-36 राकेश ने सुनाया है.

एडीजीसी क्रिमिनल शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि 09 जुलाई 2018 को वादी रामदास द्वारा थाना जैदपुर पर तहरीर दी गई थी. जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था. तहरीर के मुताबिक फैजाबाद जिले के खंडासा थाना क्षेत्र के सोनहर गनपत निवासी रामदास ने अपनी पुत्री गायत्री की शादी 09 फरवरी 2018 को विक्रम पुत्र गोमती प्रसाद निवासी ग्राम जियनपुर पोस्ट कोला थाना जैदपुर के साथ मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत रामकथा पार्क अयोध्या में एक की थी. उसके बाद 12 मई 2018 को विदाई कर दी थी.

शादी होने के बाद विक्रम पुत्र गोमती प्रसाद ने वादी की पुत्री को मोटरसाइकिल और सोने की चेन के लिए मारना पीटना शुरू कर दिया था. विक्रम आए दिन वादी की पुत्री को अपने पिता से सामान लाकर देने को कहने लगा और धमकी देने लगा कि सामान नहीं मिला तो उसे घर से निकाल देगा. उसके बाद 08 जुलाई 2018 को शाम लगभग साढ़े पांच बजे लड़की ने फोन करके बताया कि बाबू सामान लाकर दो नहीं तो हमको जान से मार देंगे और उसी रात आरोपी विक्रम ने वादी की पुत्री की हत्या कर दी.

वादी की तहरीर पर जैदपुर थाने में आरोपी विक्रम के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों द्वारा विवेचना कर चार्जशीट फाइल की. अभियोजन पक्ष ने मामले में ठोस गवाह पेश किए. दोनों पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायालय संख्या 36 राकेश ने आरोपी विक्रम गोस्वामी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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