बांदा:सूखा क्षेत्र नाम से जाना जाने वाले बुंदेलखंड में पानी के संकट को लेकर जल क्रांति शुरू हो गई है. जिलाधिकारी ने अब परंपरागत जल स्रोतों को फिर से जीवित करने के लिए जल क्रांति की आज से शुरुआत कर दी. जिसके तहत जिले भर के कुएं और तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए अब मुहिम चलाकर काम किया जाएगा. जिसको लेकर आज हजारों की तादात में स्कूली छात्र-छात्राओं, स्थानीय लोगों, समाजसेवियों और कर्मचारियों ने जल मार्च में हिस्सा लिया.
पानी के लिए शुरू हुआ जल मार्च. कई किलोमीटर तक कुओं और तालाबों को फिर से जीवित करने के लिए जागरूकता रैली निकाली. इस मौके पर जिले भर के अधिकारियों समेत प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग संजय आर भुसरेड्डी भी शामिल हुए. जिन्होंने जिलाधिकारी के इस अभियान की सराहना की और लोगों को इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा जुड़ने की अपील भी की.
पानी बचाने के लिए जल मार्च:
- बांदा में जिलाधिकारी हीरालाल इन दिनों जल की परंपरागत स्रोत तालाब और कुओं के जीर्णोद्धार को लेकर अभियान चला रहे हैं.
- अब तक जिले भर के गांवों में जल चौपाले लगाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया है.
- जिलाधिकारी और प्रमुख सचिव संजय आर भुसरेड्डी ने शहर के प्रागी तालाब से इस जल मार्च की हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की.
- लगभग 5 किलोमीटर तक अधिकारियों ने पैदल जलमार्च किया.
पानी को लेकर गांव गांव में जो चौपाल की जा रही हैं और लोगों को पानी को बचाने व परंपरागत तरीके से जल संरक्षण और जल संचयन के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.
हीरालाल, डीएम बांदा
जिलाधिकारी का यह अभियान बहुत सराहनीय है. साथ ही उन्होंने यह कहा कि वह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं और उन्हें भी लगता है कि अगर परंपरागत स्रोतों को फिर से जीवित कर लिया जाए तो जल संकट से निपटा जा सकता है.
संजय आर भूसरेड्डी,प्रमुख सचिव, गन्ना एंव चीनी उद्योग